सवर्ण समाज के निशाने पर बीजेपी-एनडीए के नेता, होने लगा है उनके ऊपर हमला
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सवर्ण आरक्षण और एसटी /एसी एक्ट पर अपनी चुप्पी को लेकर बीजेपी के नेता लगातार सवर्णों के निशाने पर हैं. सवर्ण समाज के लोग बीजेपी और एनडीए के नेताओं का लगातार विरोध कर रहे हैं.उनका विरोध अब आक्रामक और हिंसक रूप लेने लगा है. इससे बीजेपी और एनडीए के नेता सकते में हैं. बीजेपी और एनडीए के नेताओं का क्षेत्र में निकलना दूभर हो चूका है.शनिवार को सीतामढ़ी और गया में विरोध की घटना सामने आने के बाद से बीजेपी नेताओं की नींद उडी है. गौरतलब है कि सीतामढ़ी में जहां बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय को काला झंडा दिखाया गया वहीं गया में रालोसपा के सांसद अरूण कुमार के बेटे को लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा.
जानकारी के मुताबिक सीतामढ़ी में सवर्ण सेना के कार्यकर्ताओं ने नित्यानंद को काला झंडा दिखाया. वापस जाओ के नारे लगाए. नित्यानंद सीतामढी के रीगा में पार्टी के कार्यक्रम में भाग लेने गये थे. वहां उनको विधानसभा स्तरीय सम्मेलन में भाग लेना था. इसी दौरान लोगों ने उनके काफिले को घेर लिया और काला झंडा दिखाया. नित्यानंद राय सीतामढ़ी के तीन दिवसीय दौरे पर हैं जहां उनको अलग-अलग कार्यक्रम में भाग लेना है.
दूसरी ओर रविवार को ही गया में रालोसपा के बागी नेता और जहानाबाद के सांसद अरूण कुमार के बेटे ऋतुराज को विरोध का सामना करना पड़ा. सवर्ण सेना के कार्यकर्ताओं ने विरोध जताते हुए न केवल उनको काला झंडा दिखाया बल्कि उनकी गाड़ी का शीशा भी तोड़ा. इस दौरान लोगों ने सांसद अरुण कुमार के खिलाफ नारेबाजी भी की. घटना जिले के खिजरसराय की है.
बिहार में सवर्ण समाज के लोग और SC/ST एक्ट को लेकर लगातार विरोध जता रहे हैं. उनके निशाने पर बीजेपी समेत एनडीए के बड़े नेता हैं. नित्यानंद राय से पहले शनिवार को दरभंगा में बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी को काला झंडा दिखाया गया था. भागलपुर के नवगछिया में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा था तो गया में बीजेपी एमएलसी कृष्ण कुमार सिंह को भी सवर्ण सेना का गुस्सा झेलना पड़ा था.जिस तरह से सवर्ण समाज का गुस्सा बढ़ रहा है बीजेपी और एनडी ए के नेताओं का क्षेत्र में निकलना दूभर हो गया है. एक सवर्ण नेता ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि पार्टी का निर्देश है कि इस मुद्दे पर बोलना नहीं है. क्षेत्र की जनता बोलने के लिए ऐसे दबाव बना रही है कि क्षेत्र में जाने से डर लगाने लगा है.
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