BJP MP की नीतीश सरकार को नसीहत, प्रवासी मजदूरों को दुत्कारे नहीं सरकार.
सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना संकट से जूझ रही बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार केवल विपक्ष के निशाने पर ही नहीं बल्कि अपने सहयोगी दल बीजेपी के नेताओं के निशाने पर भी हैं.बीजेपी सांसद गोपाल नारायण सिंह (BJP MP Gopal Narayan Singh) ने प्रवासी ने श्रमिकों (Migrant Labour) को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि अगर हम बिहारी श्रमिकों को सुविधाएं मुहैया नहीं करा पाए तो हमारा सरकार चलाना बेमानी है. उन्होंने सासाराम में कहा कि पिछले 30 से 40 सालों में बिहार की सरकारों ने वैसा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं कर किया, जिसके बलबूते हम अपने श्रमिकों को राज्य में ही रोजगार दे सकें.
गोपालनारायण सिंह ने कहा कि रोजी रोटी की तलाश में बाहर श्रमिक लॉक डाउन के इस विपत्तिकाल में अगर वापस लौट रहे हैं, तो उनका तिरस्कार नहीं होना चाहिए. वे कहते हैं कि उन्हें दुत्कारने के बजाए उनका बेहतर तरीके से स्वागत होना चाहिए.उन्होंने अपने पार्टी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी अपील की है कि ऐसे प्रवासी मजदूर अगर वापिस आते हैं, तो उनका एक कदम आगे बढ़ कर स्वागत करें.उन्होंने कहा कि श्रमिक अगर किसी हाल में अपना प्रदेश लौट रहे हैं तो उन्हें हर स्तर पर मदद मुहैया करानी चाहिए. सरकार तो अपने स्तर पर हर सम्भव मदद कर ही रही है लेकिन भाजपा के कार्यकर्ताओं को भी एक कदम आगे बढ़कर ऐसे श्रमिकों को गले लगाना चाहिए तथा अपने अपने इलाके में ही उन मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने की कोशिश करनी चाहिए.
बीजेपी सांसद ने आरोप लगाया कि समाज में इस तरह का माहौल बनाया जा रहा है कि हमारे श्रमिक जो अन्य प्रांतों से आ रहे हैं, जाहिर है कि उनमें से कुछ लोग कोरोना वायरस का संक्रमण अपने साथ लेकर आएंगे. आज इस विपत्ति की घड़ी में सरकार को उन श्रमिकों के साथ खड़े रहने की जरूरत है. उन्होंने प्रवासी श्रमिकों को अपनी सरकार की जवाबदेही बताई और कहा कि यह सरकार की जिम्मेवारी है कि मजदूरों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएं. ऐसे श्रमिको को लाना, उनका इलाज कराना और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना हमारे सरकार की जिम्मवारी है और हम इससे मुंह नहीं मोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को बिहारी प्रवासी मजदूरों की वापसी को एक चुनौती के रूप में लेना चाहिए तथा इस श्रम संसाधन का प्रदेश में किस तरह बेहतर उपयोग हो सके, इसके लिए दूरगामी नीति बनानी चाहिए.
गोपालनारायण सिंह ने कहा कि यह समय चुनौतियों से भरा है.सरकार को यह चुनौती स्वीकार करनी चाहिए. जो श्रम संसाधन वर्षों पहले पलायन कर गए थे अब वे अगर किसी भी परिस्थिति में लौट रहे हैं तो सरकार को उन्हें यहां रोजगार देने के बारे में विचार करना करना चाहिए. बिहार से बाहर पलायन कर गए श्रम शक्ति का बिहार में बेहतर उपयोग कर इसे बिहार के विकास में लगाया जाने के बारे नीतियां बनानी होंगी. यह चुनौतियों को अवसर में बदलने का समय है.