लाइव सिटीज डेस्क : बिहार सरकार विधानमंडल के मॉनसून सत्र में 19771 करोड़ रुपए का पहला अनुपूरक बजट पेश करेगी. शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में वित्त विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई. सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक में अनुपूरक बजट को लेकर प्रसताव मंजूर किया गया. राज्य सरकार विधानमंडल के मॉनसून सत्र में 19771 करोड़ रुपए का पहला अनुपूरक बजट पेश करेगी. शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की विशेष बैठक में वित्त विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई.
इसबार विधानमंडल का मॉनसून सत्र कुछ खास होगा. इसके शुरू होते ही 20 जुलाई को राज्य सरकार करीब 17 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश करेगी .यह चालू वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित कुल बजट एक लाख 76 हजार 990 करोड़ के अतिरिक्त होगा. मॉनसून सत्र के पहले ही दिन सरकार इसे विधानसभा में पेश करेगी. प्रथम अनुपूरक बजट में बिहार आकस्मिकता निधि का आकार बढ़ा कर 7000 करोड़ रुपए किया जा रहा है. बाढ़ राहत के लिए 4000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. इसके साथ ही कई विभागों के योजना आकार में बढ़ोतरी भी की जाएगी. मुख्यमंत्री आकस्मिक निधि के आकार को भी बढ़ा कर करीब सात हजार करोड़ किया जा रहा है. शेष बचे करीब छह हजार करोड़ निर्माण से जुड़े विभागों में खर्च के लिए रखी जायेगी.
शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण समेत अन्य प्रमुख विभागों के खर्च की रफ्तार संतोषजनक नहीं है .चालू वित्तीय वर्ष में सरकारी महकमों के खर्च की रफ्तार धीमी है. 92 हजार 317 करोड़ की पूंजीगत व्यय या योजना आकार की राशि का साढ़े तीन माह में महज 30 फीसदी ही खर्च हुआ है. कई विभागों ने तो 10 से 15 फीसदी के आसपास भी खर्च नहीं किया है. आधे से ज्यादा विभाग 25 फीसदी से ज्यादा राशि खर्च नहीं कर पाए हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण समेत अन्य प्रमुख विभागों के खर्च की रफ्तार बहुत ख़राब है और यहीं वजह है कि इसबार पहले अनुपूरक बजट में ईन विभागों के लिए ज्यादा प्रावधान नहीं किये गये हैं.