बढ़ते प्रदूषण पर बिहार सरकार का बड़ा फैसला, नहीं चलेगी 15 साल पुरानी गाडियां

City Post Live - Desk

बढ़ते प्रदुषण पर बिहार सरकार का बड़ा फैसला, नहीं चलेगी 15 साल पुरानी गाडियां

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति भयावह हो गई है. 2-3 नवंबर को पटना में एयर क्वालिटी इंडेक्स ने रिकॉर्ड  तोड़ दिया है. इस समस्या को लेकर अब बिहार सरकार भी एक्टिव मोड में आ गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को हाई लेवल बैठक बुलाई. इस बैठक में सरकार ने 15 साल पुरानी गाड़ियों के चलाने पर रोक लगा दी है. बता दें मुख्यमंत्री आवास में राज्य के तमाम बड़े अधिकारियों के साथ सीएम नीतीश कुमार ने इस समस्या को लेकर विचार विमर्श किया कि आखिर कैसे बढ़ते प्रदुषण से राजधानी को मुक्त कराया जाए.

इस बैठक में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, मुख्य सचिव दीपक कुमार सहित अन्य बड़े अधिकारी शामिल हुए. बिहार में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए, 15 साल पुरानी गाड़ियों के चलाने पर रोक लगा दी गई है. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि सरकारियों गाड़ियों पर रोक लगाया जा रहा है. चाहे वह निगम की ही गाड़ी क्यों न हो. पूरे राज्य में मंगलवार से यह लागू हो जाएगा. 15 साल से पुराने व्यावसायिक वाहनों पर पटना में प्रतिबंध रहेगा. 15 साल से पुरानी निजी गाड़ियों को फिर से जांच प्रदूषण जांच कराना होगा. इतना ही नहीं मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि मंगलवार से सघन प्रदूषण जांच शुरू किया जायेगा.

जाहिर है 2-3 नवंबर को पटना में एयर क्वालिटी इंडेक्स ने रिकॉर्ड  तोड़ दिया है. पिछले दो दिनों से लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स  400 से अधिक है. लोग आंखों में जलन महसूस कर रहे हैं. दो नवंबर की रात तक एक्यूआई का स्तर 428 था, जबकि 3 नवंबर की रात 8 बजे तक औसतन एक्यूआई स्तर 414 मापा गया. 25 अक्टूबर को एक्यूआई स्तर 103 था, जबकि 10 दिन बाद तीन नवंबर को 414 है. जो आम स्तर से करीब 4 गुना ज्यादा है.

प्रदुषण विभाग की तरफ से  लोगों को घर से मास्क लगा कर निकलने और घर के आस पास धूल कण को हवा में उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिडकाव करने की सलाह दी गई है. घरों की खिड़की बंद रखने, कमरे में एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करने और दमा और अस्थमा से ग्रषित लोगों को  इनहेलर हमेशा अपने पास रखने की सलाह दी गई है. प्रदुषण के बढ़ते इस स्तर से बच्चों की सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है. जिन बच्चों को आस्थमा का प्रॉब्लम है, उनकी तकलीफ बहुत बढ़ गई है.

बन्दना की रिपोर्ट

 

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