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बिहार की छात्रा से असम में चलती ट्रेन में रेप,सर कटी लाश टॉयलेट में फेंका

मामला असम का है जहाँ कुछ दरिंदो ने चलती ट्रेन में बिहार की एक छात्रा के साथ रेप कर उसकी हत्या कर दी. छात्रा के शरीर पर जख्म के कई निशान भी हैं, जिस से ऐसी आशंका जताई जा रही है कि लड़की पर किसी धारदार हथियार से हमला भी किया गया है.

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सिटी पोस्ट लाइव : हमारे देश में लड़कियां कितनी सुरक्षित हैं, ये बताने  जरुरत नहीं है. देश के हर एक कोने में आये दिन हो रही रेप की घटना लड़कियों की सुरक्षा को बेहतर तरीके से बयां करती है. ताज़ा मामला असम का है जहाँ कुछ दरिंदो ने चलती ट्रेन में बिहार की एक छात्रा के साथ रेप कर उसकी हत्या कर दी. छात्रा के शरीर पर जख्म के कई निशान भी हैं, जिस से ऐसी आशंका जताई जा रही है कि लड़की पर किसी धारदार हथियार से हमला भी किया गया है.

 

 

 

 

घटना असम के शिवसागर जिले के सिमलुगुड़ी रेलवे स्टेशन के पास का है जहाँ कामख्या एक्सप्रेस में एक लड़की की सर कटी लाश टॉयलेट में मिलने से सनसनी फ़ैल गयी. शिवसागर के पुलिस अधीक्षक सुबोध सोनोवाल ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा कि – “लड़की की मां ने उसे शिवसागर स्टेशन पर सुबह करीब 8.50 बजे रेलगाड़ी में बिठाया था.  जब रेलगाड़ी सुबह करीब 9.10 बजे सिमलागुड़ी रेलवे स्टेशन पहुंची तो लड़की का शव रेलगाड़ी के शौचालय में पाया गया.” लड़की गोलाघाट में अपने रिश्तेदार के घर जा रही थी और उसे फरकाटिंग स्टेशन पर रेलगाड़ी से उतरना था. लड़की की मां ने पुलिस को बताया कि – “मैंने उसे मोबाइल फोन खरीदने के लिए 10 हजार रुपये दिए थे. किसी ने पैसों के लिए मेरी बेटी की हत्या कर दी और शौचालय में फेंक दिया. वहीं असम स्थित जोरहाट जिले के मरियनी से अवध-असम एक्सप्रेस ट्रेन के शौचालय से भी एक महिला का शव बरामद किया गया था. महिला के साथ पहले दुष्कर्म किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई. 24 घंटे के अन्दर असम में दो महिलाओं की लाश ट्रेन की टॉयलेट में मिलने से सनसनी फ़ैल गयी है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों को इस मामले में तुरंत एक्शन लेने की जरुरत है. यहाँ एक बड़ा सवाल यह भी उठता है कि ट्रेन में उचित सिक्यूरिटी व्यवस्था क्यूँ नही थी?  जिस वक़्त यह घटना हुई, आरपीएफ जवान अपनी ड्यूटी पर थे या नहीं? अगर थे तो उन्होंने इसे क्यूँ नहीं रोका और नहीं अगर नहीं थे तो उन पर सख्त कार्यवाई होनी चाहिए.

 

दूसरा सवाल यहाँ यह भी उठता है कि चलती ट्रेन में इतनी बड़ी घटना हो जाती है और किसी को कुछ पता भी नहीं चलता, ऐसा कैसे हो सकता है. लड़की ने अपने बचाओ के लिए शोर तो जरुर मचाया होगा. किसी ने तो ऐसे में कोई उसके बचाव के लिए क्यूँ नहीं आया है. बहरहाल बहुत सारे सवाल हैं, जिनके जवाब इस केस में बहुत मायने रखते हैं. आखिर एक लड़की ट्रेन में अकेले सफ़र भी नहीं कर सकती तो सरकार किस महिला सशक्तिकरण की बात करता है. इट्स हाई टाइम की सरकार लड़कियों की सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाये और ऐसे सभी आरोपियों को ऐसी सजा दी जाये की कोई भी व्यक्ति ऐसी हैवानियत करने से पहले पचास बार सोचे. इसके साथ ही ऐसे सभी मामले में स्पीडी ट्रायल की भी जरुरत है, ताकि पीड़ित को इन्साफ के लिए सालों-साल इंतज़ार न करना पड़े.

 

 

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