कल्पना बोर्ड के गले में हड्डी की तरह फंस गई है.बोर्ड को न उगलते बन रहा है और ना ही निगलते.सिटी पोस्ट लाइव द्वारा कल्पना के अटेंडेंस को लेकर उठाये गए सवाल को बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने गंभीरता से लिया है.बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के ‘न्यूनतम उपस्थिति’ वाले बयान पर संघ ने कड़ा एतराज जताया है.
सिटी पोस्ट लाईव : जिस टॉपर कल्पना के जरिये बिहार बोर्ड अपना खराब नाम फिर से ठीक करना चाहता था ,आज वहीँ कल्पना बोर्ड के गले में हड्डी की तरह फंस गई है.बोर्ड को न उगलते बन रहा है और ना ही निगलते.सिटी पोस्ट लाइव द्वारा कल्पना के अटेंडेंस को लेकर उठाये गए सवाल को बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने गंभीरता से लिया है.बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के ‘न्यूनतम उपस्थिति’ वाले बयान पर संघ ने कड़ा एतराज जताया है. संघ के अध्यक्ष सह विधान पार्षद केदारनाथ पांडेय ने कहा कि एक तरफ सरकार कक्षाओं में छात्र व छात्राओं की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य करने की बात कहती है.दूसरी तरफ बिहार बोर्ड इसे नकार रहा है .उन्होंने कहा कि परीक्षा समिति और मंत्री के इस रवैये से विद्यालयों के अनुशासन तथा उपस्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.
केदार पाण्डेय ने बताया कि इस सम्बन्ध में उन्होंने नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा को एक पत्र लिखा है. अपने पत्र में उन्होंने बोर्ड और शिक्षा मंत्री द्वारा अटेंडेंस के बारे में दिए गए भ्रामक बयानों पर आपत्ति जाहिर किया है.उन्होंने सीम से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है.इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणामों ने एक बार फिर से कई सवाल खडे़ कर दिए हैं. कक्षाओं में छात्रों की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है कि नहीं,इसको लेकर बहस शुरू हो गई है .अगर अनिवार्य है तो फिर कोचिंग में दिल्ली रहकर तैयारी करनेवाली छात्र कल्पना को बोर्ड ने परीक्षा में बैठने की ईजाजत कैसे दे दी ?