सिटी पोस्ट लाइव : इसमें STET-2011 और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 21 जून को जारी STET-2019 की दोनों प्रकार की सूची के अभ्यर्थी शामिल हैं. गौरतलब है कि STET-2019 की परीक्षा के रिजल्ट जारी किये जाने के बाद अभ्यर्थियों ने बवाल किया था.उन्होंने धांधली का आरोप लगाया था.ऐसे में शिक्षा मंत्री के इस ऐलान से उन्हें बड़ी राहत मिली है.
रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर सोशल मीडिया से सड़क तक अभ्यर्थियों ने आंदोलन शुरू कर दिया था.कोर्ट जाने की धमकी तक दे डाली थी. बुधवार को अभ्यर्थियों ने अपनी मांग को लेकर पटना में सचिवालय के पास खूब नारेबाजी की. STET 2019 के अभ्यर्थियों ने पटना में आज सचिवालय गेट से शिक्षा मंत्री के घर तक का मार्च निकाला. सोशल मीडिया पर गुस्सा उतारने के बाद अभ्यर्थी सड़क पर भी उतरे थे. मार्च के दौरान अभ्यर्थी लगातार मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और अधिकारियों के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे. अभ्यर्थी जब शिक्षा मंत्री के आवास की तरफ घेराव के लिए बढ़े तो इको पार्क के समीप उन्हें सचिवालय थाने की पुलिस ने रोका और वापस भेज दिया.
इसके बाद शिक्षा मंत्री ने मामले को निबटारे का आश्वासन दिया था. मंत्री विजय चौधरी ने बताया कि सरकार ने इस मामले पर निर्णय कर लिया है. 2019 की STET में जो भी क्वालिफाई किए हैं, वे सभी सातवें शिक्षक नियोजन के लिए पात्र होंगे. चाहे वे बोर्ड द्वारा जारी सूची ‘क्वालिफाइड एंड इन मेरिट लिस्ट’ में हों या ‘क्वालिफाइड बट नॉट इन मेरिट लिस्ट’ में हों. शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग NCTE का पूरी तरह से अनुसरण करता है. इसको लेकर पहले ही STET पात्र अभ्यर्थियों की मान्यता लाइफ टाइम की जा चुकी है. इस लिहाज से सातवें शिक्षक नियोजन में 2011 में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले भी अगले चरण की बहाली में आवेदन कर सकेंगे.
Comments are closed.