सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में नये उद्योग लगाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है. जमीन की कमी को देखते हुए बिहार औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बियाडा) ने बड़ा फैसला लिया है.बिहार औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बियाडा ने चार क्षेत्रीय कार्यालयों में 500 के करीब खाली और बंद पड़े औद्योगिक यूनिट की जगह पर नए उद्योग लग लगाने के लिए बंद व नन-फंक्शनल यूनिट के लिए नई माफी नीति लागू किया है.उद्यमी बियाडा द्वारा प्लॉट कैंसिल करने से पहले एक निर्धारित राशि जमा कर आगे के लिए एक्सटेंशन करवा सकते हैं या सरेंडर कर सकते हैं.
दरअसल लोगों ने बिहार औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बियाडा) से औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट तो आवंटन तो करा लिया, लेकिन उद्योग नहीं लगा.पाए।बियाडा के नियम के तहत अगर औद्योगिक प्लॉट आवंटन के 6 महीने के अंदर औद्योगिक गतिविधियां नहीं शुरू हुईं तो प्लॉट कैंसिल किया जा सकता है.प्लाट कैंसिल होने के बाद लोग कोर्ट में केस करते हैं और मामला लटका रहता है. ऐसे में बियाडा दूसरे को जमीन अलोट नहीं कर पा रहा है.बियाडा की इस नीति की वजह से वहां नये उद्योग लगाए जा सकते हैं.
बियाडा के एमडी ब्रजेश मेहरोत्रा के अनुसार बियाडा की सरेंडर नीति का लाभ औद्योगिक क्षेत्र की बंद और सिक यूनिट के उद्यमी उठा सकते हैं. नीति के तहत कोई भी प्लॉट आवंटी वर्तमान बाजार दर का 3 फीसदी राशि देकर प्रोडक्शन शुरू करने के लिए अवधि विस्तार का लाभ ले सकते हैं. उन्हें एक साल का एक्सटेंशन दिया जाएगा. अगर एक साल के अंदर प्रोडक्शन नहीं शुरू होता है तो दूसरे साल के लिए अवधि विस्तार वर्तमान बाजार दर का 6 फीसदी देना पड़ेगा.
बियाडा के एमडी ब्रजेश मेहरोत्रा के अनुसार नई नीति के तहत उद्यमियों को सरेंडर का मौका भी बियाडा दे रहा है.बियाडा चाहता है कि औद्योगिक क्षेत्र के बंद व नन फंक्शनल यूनिट चालू हो सके. इसके लिए उन्हें प्राधिकार की तरफ से माफी नीति के तहत मौका दिया जा रहा है. अवधि विस्तार का भी मौका दिया जा रहा है.