लोक सभा चुनाव को लेकर बिहार की राजनीति में सबसे ज्यादा चर्चा में हैं भूमिहार नेता

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लोक सभा चुनाव को लेकर बिहार की राजनीति में सबसे ज्यादा चर्चा में हैं भूमिहार नेता

सिटी पोस्ट लाइव : वैसे तो लोक सभा चुनाव लड़ने के हजारों दावेदार हैं.सैकड़ों संभावित उम्मीदवार हैं. हर जाति-मजहब के नेता हैं.लेकिन सबसे चर्चा में हैं केवल भूमिहार नेता.आधा दर्जन भूमिहार नेता लोक सभा चुनाव को लेकर चर्चा में हैं. सबसे पहले सबसे ज्यादा चर्चा में आई बाहुबली पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी, मुंगेर सांसद वीणा देबी. दरअसल, जैसे नीतीश कुमार NDA में शामिल हुए मुंगेर सीट से उनके सबसे करीबी नेता ललन सिंह के मुंगेर लोक सभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा शुरू हो गई. इस बीच नीतीश कुमार और रामविलास पासवान के बीच बढती नजदीकी से अपनी सीट छीन जाने की आशंका से परेशान वीणा देबी ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. इस कदर मोर्चा खोल दिया कि सुर्ख़ियों में आ गई.उनकी वजह से सूरजभान सिंह पति होने के नाते और ललन सिंह मुंगेर सीट के दावेदार होने के नाते चर्चा में आ गए.

अनंत सिंह ललन सिंह के सबसे करीबी माने जाते रहे हैं. ललन सिंह हाल के दिनों में उनके साथ कई कार्यक्रमों में भी देखे गए थे. और फिर से अनंत सिंह के JDU में आने की चर्चा तेज हो गई थी.लेकिन इस बीच अनंत सिंह के विरोध में उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले JDU प्रवक्ता नीरज सिंह ने अनंत सिंह के JDU में वापसी का जोरदार विरोध शुरू कर दिया. फिर क्या था नीरज कुमार भी चर्चा में आ गए. नीरज भी भूमिहार जाति से आते हैं.

नीरज कुमार ने विरोध की शुरुवात की तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर में भी अनंत सिंह गिर गए. उन्हें लगा अब अनंत सिंह को पार्टी में लेने से फजीहत हो सकती है. फिर क्या था उन्होंने अनंत सिंह को भाव देना बंद कर दिया. इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने अनंत की गैर-कानूनी कामों को लेकर सवाल पूछना भी शुरू कर दिया.

जब ललन सिंह को लगा कि नीतीश कुमार अनंत सिंह को JDU में वापस लेगें नहीं, तो उन्होंने भी अनंत सिंह को नजर-अंदाज करना शुरू कर दिया.इस बीच कुछ ऐसा हुआ जो अनंत सिंह को बेहद नागवार गुजरा. उन्होंने ललन सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. लेकिन अनंत को जब लगा कि ललन सिंह की नाराजगी की वजह से उनके खिलाफ दर्ज अपराधिक मामलों का पोस्टमार्टम शुरू हो सकता है तो,  उन्होंने ललन सिंह के संभावित कानूनी हमले के पहले ही अपने डिफेन्स में ललन सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने मुंगेर से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया.

अनंत सिंह महागठबंधन से टिकेट लेने के लिए कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह से मिलने दिल्ली पहुँच गए.अखिलेश सिंह की तरफ से आश्वासन मिला तो अनंत का मन और बढ़ गया. उन्होंने महागठबंधन से चुनाव लड़ने का एलान कर दिया.लालू यादव कहीं विरोध न करें, लालू यादव की तारीफ़ शुरू कर दी.

दुसरे भूमिहार नेता हैं अरुण कुमार ,जहानाबाद के सांसद. अरुण कुमार कभी उपेन्द्र कुशवाहा के खिलाफ तो कभी नीतीश कुमार के खिलाफ और हाल के दिनों में उपेन्द्र कुशवाहा के साथ खड़े हो जाने को लेकर चर्चा में हैं. खबर है कि वो भी महागठबंधन के टिकेट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं.लेकिन इस बीच एक नए युवा भूमिहार नेता का नाम भी चर्चा में आ गया है.जगदीश शर्मा के पुत्र राहुल शर्मा. राहुल शर्मा घोषी से विधायक हैं और जहानाबाद से लोक सभा चुनाव आरजेडी के टिकेट पर लड़ना चाहते हैं. अब देखना ये है कि लालू यादव अरुण कुमार और राहुल शर्मा में से किसको चुनते हैं . और दुसरे युवा भूमिहार नेता जो सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, वो हैं कन्हैया कुमार. जेएनयू के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार बाम दलों के संयुक्त उम्मीदवार बेगूसराय से हो सकते हैं. हाल के दिनों में बेगूसराय से चुनाव लड़ने को लेकर कन्हैया सबसे ज्यादा चर्चा में हैं. लेकिन उनका राजनीतिक भविष्य भी बिहार में लालू यादव पर निर्भर करेगा. सबसे खास बाते ये है कि पिछले चुनाव में NDA के पक्ष में गोलबंद भूमिहार समाज के ज्यादातर नेता इसबार बदले राजनीतिक माहौल में NDA से ज्यादा लालू यादव के टिकेट पर चुनाव लड़ने को बेताब हैं.

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