सिटी पोस्ट लाइव : बेगूसराय में कैदी को बचाने के लिए कोरोना रिपोर्ट बदलने के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी और स्वास्थ्य कर्मियों पर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। दरअसल चेरिया बरियारपुर थाना पुलिस ने 19 मई को 307 जैसे संगीन धाराओं के आरोपी विक्रमपुर गांव निवासी बालेश्वर सिंह को गिरफ्तार किया था जिसके बाद चेरिया बरियारपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उसकी जांच कराई गई जहां उसका रिपोर्ट नेगेटिव बताया गया. लेकिन जब उसे मंझौल अनुमंडल न्यायालय में उसे पेश किया गया तो वहां उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव बताई गई ।
दरअसल यह सब बालेश्वर सिंह को जेल भेजने के बदले आइसोलेशन में रखने के लिए यह फर्जीवाड़ा किया गया था। मंझौल कोर्ट के एसीजेएम प्रथम ने कागजात में फर्जीवाड़ा देखा और आरोपी की फिर से सदर अस्पताल में जांच कराने का आदेश दिया। सदर अस्पताल में आरोपी बालेश्वर सिंह का रिपोर्ट नेगेटिव आया। इस मामले को कोर्ट गंभीरता से लिया और चिकित्सा प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा। जबाव से संतुष्ट नहीं होने के बाद कोर्ट के आदेश पर 2 जून को चेरिया बरियारपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मंझौल डीएसपी पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दिया है। पीएचसी प्रभारी ने भी माना है कि अस्पताल और थाना स्तर से कोरोना रिपोर्ट में गड़बड़ी की गई है। डाक्टर रामकुमार के द्वारा रिपोर्ट निगेटिव बताया गया था बाद में किसी ने उनकी फर्जी हास्ताक्षर से रिपोर्ट पोजेटिव बना दिया है। पीएचसी के प्रभारी होने की वजह से उन पर मुकदमा किया गया है। उनके संस्थान में गड़बड़ी हुई है। मंझौल डीएसपी ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और स्वास्थ्य कर्मियों पर मामला दर्ज किया गया है।
बेगूसराय से सुमित कुमार की रिपोर्ट