सिटी पोस्ट लाइव :अपने घर से AK-47 की वरमदगी मामले में 10 साल की सजा होने के बाद से अनंत सिंह की विधायकी खत्म हो चुकी है. अब मोकामा में उपचुनाव होना है. इस चुनाव में अनंत सिंह की ताकत की असली परीक्षा होनी है. उनकी पत्नी नीलम देवी मोकामा के सियासी दंगल में उतरेंगी.वो अभी से चुनाव प्रचार में जुट गई हैं.सबके जेहन में सवाल है- बिहार में सियासी बदलाव के बीच खराब सेहत से जूझ रहे अनंत सिंह का फिर से मोकामा में सिक्का चलेगा?
जुर्म की दुनिया से सियासत में जबसे अनंत सिंह ने एंट्री की तबसे मोकामा विधानसभा सीट पर लगातार उनका कब्ज़ा बरकरार है. पहली बार 2005 में बाहुबली अनंत सिंह जेडीयू की टिकट पर मोकामा से विधानसभा पहुंचे. 2010 में फिर वे विधायक बनें. वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह ने जेल में रहकर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत गए. 2020 में जेल में बंद अनंत सिंह को लालू यादव का साथ मिला और उन्होंने फिर से मोकामा सीट से अपनी जीत दर्ज की.
मोकामा उपचुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी ताल ठोकेंगी. नीलम देवी ने यह दावा किया है कि तेजस्वी यादव से उनकी चुनाव लड़ने को लेकर उनकी बात हो चुकी है. नीलम देवी ने क्षेत्र के लोगों से मिलना जुलना भी शुरू कर दिया है.एनडीए से जदयू के अलग होने के बाद इस बार मोकामा उपचुनाव का सियासी समीकरण बदला हुआ है. अगर अनंत सिंह की पत्नी को राजद की टिकट पर चुनाव लड़ती हैं तो इस बार उन्हें जदयू का भी साथ मिलेगा. बीजेपी और मुकेश सहनी की पार्टी से उन्हें दो दो हाथ करना होगा. अब देखने वाली बात होगी क्या मोकामा की जनता एक बार फिर से छोटे सरकार के नाम पर मुहर लगाती है या फिर कोई नया सियासी बदलाव सामने आता है.