सरकारी आंकड़े चाहे जो कहें लेकिन रोजाना की चीजों में महंगाई लगातार तेजी से बढ़ती जा रही है। जनवरी से अब तक सामानों की कीमत 22 प्रतिशत तक बढ़ी है। क्या आने वाले दिनों में इसका असर कम होगा? जानिए एक्सपर्ट्स की राय…
सिटी पोस्ट लाइव : महंगाई आसमान छू रही है.त्योहारी सीजन में महंगाई की नींद उड़ा दी है.खाना पकाने के तेल से ले कर बालों में लगाने वाले तेल तक की कीमत आसमान छू रही है. जनवरी से अब तक रोजमर्रा की चीजों की कीमत 10 से 20 फीसदी बढ़ गई है. इस महंगाई से मध्य वर्ग के लोगों की नींद उड़ गई है. खाना पकाने का तेल पहली तिमाही के दौरान ही 35 फीसदी महंगा हो गया था. उसके बाद से इसमें थोड़ी कमी तो आई है लेकिन अब भी यह जनवरी के मुकाबले 5-22 फीसदी तक महंगा है.
आंकड़ों के मुताबिक ब्रांडेड चावल, आंटे, मैदे जैसी चीजों की कीमत में भी जनवरी के मुकाबले काफी तेजी आई है. बाज़ार के जानकारों के अनुसार इन चीजों में आ रही महंगाई जल्दी ही थमेगी या कम होगी, इसकी संभावना नहीं है.ग्लोबल बाजार में हो रही उथल-पुथल का असर बाज़ार में दिखाई दे रहा है.महंगाई की वजह से ही मांग भी बहुत नहीं बढ़ पा रही है. ज्यादातर कमोडिटी या कच्चे माल की कीमत भी पिछले साल से बढ़ी हुई है. पाम और क्रूड ऑयल की कीमत की कमी को भी इंडस्ट्री सीधे कीमत घटा कर ग्राहकों तक पहुंचाने की बजाय प्रमोशनल गतिविधियों के माध्यम से ही पहुंचाने की योजना पर काम हो रहा है.
त्योहारों का मौसम है, ऐसे में बाजार को तो कमोडिटी पर ही निर्भर रहना होगा. सरकार की कोशिश से खास तौर पर चावल जैसी चीजों की कीमत थोड़ी कम हो सकती है.दिसंबर के अंत में कच्चे माल की कीमत में कमी आने लगेगी. महंगाई के तीन प्रमुख अवयव हैं- खाने-पीने की चीजें, खाना पकाने का तेल और क्रूड ऑयल. पाम ऑयल की कीमत घटी है लेकिन क्रूड अब भी बहुत महंगा है. इसलिए देखा जाए तो पिछले साल के मुकाबल कमोडिटी महंगी है. ऐसे में वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के खत्म होने तक कमोडिटी की कीमत घट सकती है.