गंगा की सफाई यह एवरेस्ट पर चढऩे से भी है बड़ी चुनौती : बछेंद्री पाल
सिटी पोस्ट लाइव : गंगा की स्वच्छता का परचम लहराते हुए ‘मिशन गंगे’ गंगा नदी राफ्टिंग अभियान के तहत रविवार को पटना पहुंची बछेंद्री पाल ने सोमवार की सुबह 40 सदस्यीय टीम, स्वच्छाग्रही और जीविका दीदी के साथ गांधी मैदान की परिक्रमा की. ‘नमामि गंगाट पर आधारित नाटक देखा.माउंट एवरेस्ट विजेता पद्मश्री बछेंद्री पाल ने कहा कि एवरेस्ट पर चढऩे से भी बड़ी चुनौती गंगा की सफाई है. गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए हमें अपनी मानसिकता बदलनी होगी. मानसिकता में बदलाव के लिए ही हरिद्वार से पटना आई हूं. पटनावासी अंधविश्वास से ऊपर उठकर गंगा की धारा को अविरल बनाने के लिए आगे आएं.
ज्ञान भवन में स्कूली बच्चों, स्वच्छाग्रही और जीविका दीदी से भी बछेंद्री पाल मुखातिब हुईं. गंगा की धारा को अविरल बनाने के लिए गंदगी न फैलाने की अपील करते हुए कहा कि गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए अभियान को जनांदोलन का रूप देगीं .उन्होंने गंगा में डाली जा रही पूजा सामग्री, किनारे शौच कर फैलाई जा रही गंदगी और शहर के गंदा पानी को गंगा में गिराए जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि हरिद्वार से पटना आने के दौरान उनकी टीम ने 55 हजार किलो कचरा निकाला तथा सात लाख लोगों के बीच जागरूकता फैलाई. गंगा अंतिम सांसें ले रही है. खुद को बचाने के लिए गंगा को बचाना होगा.
नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि बिहार में गंगा को अविरल बनाने के लिए 5173 करोड़ की लागत से योजनाएं चलाई जा रही हैं. गंगा में गंदा पानी नहीं गिरेगा। 20 घाट रिवर फ्रंट से जुड़ गए हैं. पटना के साथ-साथ बिहार के किसी भी क्षेत्र में गंगा में गंदा पानी नहीं गिरेगा.जिलाधिकारी कुमार रवि ने कहा कि बछेंद्री पाल का हम लोगों के बीच उपस्थित रहना ऐतिहासिक क्षण है. भारत की सभ्यता गंगा के आसपास बसी है. गंगा के स्वरूप में बदलाव के लिए मानव दोषी है. बुडको के एमडी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि गंगा में गंदा पानी नहीं गिरेगा.गंदे पानी को स्वच्छ कर सिंचाई के लिए उसका इस्तेमाल किया जाएगा. प्राणी सर्वेक्षण के बिहार प्रभारी डॉ. गोपाल शर्मा ने कहा कि गंगा का जल जीवों के रहने से ही शुद्ध होगा. नदियों की आहार शृंखला में गांगेय डाल्फिन और जंगलों में बाघ सबसे ऊंचे हैं.