किस मुकाम पर आज मटुकनाथ -जूली की प्रेम कहानी?

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : 16 साल बाद एकबार फिर से बिहार के प्रोफ़ेसर मटुकनाथ चौधरी और उनकी शिष्य जुली की प्रेम कहानी की याद ताजा हो गई है.दरअसल, बिहार में मटुकनाथ और जूली की जैसी गुरु-शिष्य की प्रेम कहानी फिर सामने आई है. समस्तीपुर में एक शिक्षक ने अपनी ही छात्रा से शादी कर ली है. दोनों की उम्र में 22 साल का फर्क है. छात्रा कोचिंग पढ़ने आती थी. इसी दौरान दोनों में प्यार हुआ और फिर शादी कर ली.

इस गुरु शिष्य के प्रेम विवाह के बाद एकबार फिर से लवगुरु मटुकनाथ और जूली की लव स्टोरी की याद 16 साल ताजा हो गई है.सिटी पोस्ट लाइव ने मटुकनाथ चौधरी से उनकी प्रेम कहानी को जानने की कोशिश की.चौकानेवाले तथ्य सामने आये.मटुकनाथ और जूली का प्यार अब दम तोड़ चूका है.मटुकनाथ के अनुसार अब जूली सात समंदर पार अध्यात्म की तलाश में है. जूली ने 20 14 में मटुकनाथ का साथ छोड़ दिया,उसने कहा कि वह अलग ढंग से जीना चाहती हैं, जूली आजकल पोर्ट ऑफ स्पेन में हैं. वह वहां एक बुजुर्ग के साथ रहती हैं. अध्यात्म और व्यवसाय से जुड़े वृद्ध ही जूली का खर्च उठाते हैं. मटुकनाथ बताते हैं कि प्रेम में आने के बाद भी शुरू से जूली अध्यात्म और साधना के प्रति आकर्षित होती रहीं.

मटुकनाथ के अनुसार साल 2013 तक तो सबकुछ ठीक ठाक रहा, लेकिन साधना के लिए गुरु की तलाश में वह भटक गईं. वह कई गलत गुरु के संपर्क में आ गईं, जिससे गलत साधना हो गई. ऐसे गलत गुरु के साथ साधना में हुई गलती से जूली मानसिक रोगों की शिकार हो गईं.मटुकनाथ को जूली की साधना पसंद नहीं आई.जूली को लगा कि मटुकनाथ उसकी उसकी मदद नहीं कर सकते.उनकी समस्या कोई अध्यात्म का गुरु ही सुलझा सकता है .फिर क्या था जुली गुरु की खोज करते करते सात समंदर पार पोर्ट ऑफ स्पेन पहुंच गईं.

मटुकनाथ के अनुसार जूली ने भारत में कई आश्रमों में भी समय बिताया.वह गंदे लोगों के संपर्क में आ गईं. अध्यात्म की तलाश में वह आश्रमों में गईं जहां उनके मन और विचारों को बदल दिया गया. अध्यात्म की तलाश में बदले विचारों से वह मानसिक रोगी हुईं, मटुकनाथ का मानना है कि अब कोई योग्य गुरु ही जूली को सही कर सकता है.जूली आज भी गुरु की तलाश कर रही हैं, लेकिन उन्हें कोई ऐसा गुरु नहीं मिल पा रहा है. मटुकनाथ बताते हैं कि जूली के अंदर शरीर में मणिपूर चक्र में काफी परेशानी होती थी. वह प्रेम में थी तो भी इस परेशानी को अक्सर बताती थी. इसे लेकर कई लोगों ने बताया कि मामला पूर्व जन्म से जुड़ा है. मटुकनाथ ने लोगों के बताने के अनुसार कहा कि पूर्व जन्म में ध्यान की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण ऐसा नहीं हो रहा है.प्रेम के समय में भी मणिपूर चक्र में परेशानी होती थी, इस पर लोग कहते थे कि पूर्व जन्म में उसकी साधना कहीं अटक गई है. कोई गुरु मिलता तो उसकी साधना की यात्रा वहां से पूरी करा देता.

प्रोफ़ेसर मटुकनाथ बताते हैं कि उनके बीच अब पहले वाला प्रेम नहीं रहा.लेकिन अगर फिर भी जुली मदद मांगेगी तो वो जरुर आगे आयेगें.मटुकनाथ के अनुसार : प्रेम को अनाज की तरह पैदा नहीं किया जा सकता है, न इसे खरीदा जा सकता है, प्रेम समझदारी से होता है.मटुकनाथ के अनुसार जुली को तलाश सुख और आनंद और शांति की है, लेकिन उनकी तलाश का ढंग सही नहीं था, गुरु भी सही नहीं मिला.ये पूछे जाने पर कि क्या मटुकनाथ पहले की तरह जुली के साथ प्रेम में रह सकते हैं?उनका जबाब था- प्रेम नित नया होता है, पहले की तरह कुछ नहीं होता है. अब दूसरे ढंग से होगा लेकिन उससे बेहतर होगा.

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