अब कोई भी भारतीय खरीद सकेगा जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी, आर्टिकल 35 A हटाने की तैयारी शुरू
सिटी पोस्ट लाइव : कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है. हर भारतीय का एक सपना है कि कश्मीर में उसका एक अपना आशियाना हो, जहाँ वो गर्मी के मौसम में जाकर सर्दी का आनंद उठा सकें. लेकिन धारा 35 A की वजह से आजतक यह सपना पूरा नहीं हो पाया है क्योंकि इस कानून के तहत कश्मीर का व्यक्ति तो देश में कहीं भी घर जमीन ले सकता है लेकिन भारत का कोई व्यक्ति कश्मीर में अपना घर जमीन नहीं खरीद सकता.
अपने ही देश में इस तरहकी वंदिशें लोगों को खल रही थी .लेकिन अब सरकार धारा 35 A हटाने की तैयारी में जुट गई है.इस कानून के ख़त्म होने के साथ ही उन कश्मीरियों की जिन्दगी में बहार आ जायेगी जो अपनी जमीन का कुछ हिस्सा उन्च्ची कीमतों पर बेचना चाहते हैं.उन्हें मनमाना दाम मिलेगा और जो भरिय अबतक कश्मीर में अपना घर जमीन होने का सपना देख रहे थे, वो भी पूरा हो जाएगा.
कश्मीर में अर्द्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 100 कंपनियां तैनात कर दी गई हैं. रेलवे के सभी कर्मचारियों से चार महीने का राशन और एक सप्ताह का पीने का पानी जमा करने के लिए कहा गया है.इसी आदेश में ये भी कहा गया था कि सभी गाड़ियों में तेल भरा लिया जाए और उन्हें गैराज के अंदर रखा जाए.गृह मंत्रालय द्वारा सभी मस्जिदों की सूचनाएं इकट्ठा की जा रही हैं ,जहाँ से आतंकी गतिविधयां चलती हैं.जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का कहना है कि कश्मीर को लेकर तरह तरह की अफ़वाहें फैलाई जा रही हैं.उन्होंने कहा कि कश्मीर में सबकुछ सामान्य और ठीक है.
लेकिन जबसे कश्मीर से अनुच्छेद 35 A हटाने की तैयारी शुरू हुई है जम्मू-कश्मीर के वैसे लोगों की बेचैनी बढ़ गई है जो आतंकवाद और पाकिस्तान के समर्थक हैं.उनके रातों की नींद ग़ायब हो गई है. कश्मीर में और सुरक्षा बल तैनात किए जाने की खबर से उनकी बेचैनी बढ़ गई है. उनका तर्क है कि ‘जबसे जम्मू एवं कश्मीर की गठबंधन सरकार गिरी है, केंद्र की बीजेपी सरकार आर्टिकल 35ए और आर्टिकल 370 को ख़त्म करने की योजना बना रही है.इस योजना से उन्हें आने वाले दिनों में कश्मीर के हालात और ख़राब होने की आशंका सता रही है.
पिछले साल बीजेपी की समर्थन वापसी के बाद बीजेपी-पीडीपी की गठबंधन सरकार गिर गई.तबसे राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है और अभी तक विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं.पिछले तीन सालों से कई अलगाववादी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सुरक्षा एजेंसियां चरमपंथ को धन मुहैया कराने और अन्य आरोपों में गिरफ़्तार कर रही हैं.पिछले चार सालों में सुरक्षा बलों के हाथों मुठभेड़ में सैकड़ों चरमपंथी भी मारे गए हैं.
वायरल हो रहे सरकार के आदेश से केवल आम लोगों में ही बेचैनी नहीं है बल्कि इसने राज्य में राजनीतिक हलचल भी ला दिया है.पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ़्ती ने आर्टिकिल 35ए को रद्द किए जाने पर नई दिल्ली को चेतावनी दी है.बीते रविवार को उन्होंने अपने पार्टी के स्थापना दिवस पर कहा था, “आर्टिकिल 35 ए को छूने वाला हाथ जल जाएगा. न केवल उसका हाथ बल्कि उसका पूरा शरीर भस्म हो जाएगा.”