सिटी पोस्ट लाइव : डॉ बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर ने गलत को गलत कहने की हिम्मत की और अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी. अपने अधिकारों के साथ-साथ उन्होंने समाज के हर वर्ग के अधिकारों की लड़ाई लड़ी, जिन्हें हेय दृष्टि से देखा जाता था. साथ ही उन्होंने समाज के सभी वर्गों की भागीदारी की वकालत की. उक्त बातें जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने अम्बेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित एक परिचर्चा के दौरान कही. परिचर्चा का आयोजन पार्टी के युवा प्रकोष्ठ द्वारा अदिति कम्युनिटी सेंटर में किया गया था. परिचर्चा का विषय था “बढ़ती बेरोजगारी और मरता बिहारी”.
पप्पू यादव ने कहा कि महाभारत काल से लेकर अभी तक भारतवर्ष के हजारों वर्ष के इतिहास में कई बदलाव हुए. इस दौरान बाबा साहेब अम्बेडकर, ज्योतिबा फुले, राजा राम मोहन राय जैसे कई समाज सुधारक हुए जिन्होंने मानवीय मूल्यों को केंद्र में रख कर समाज में परिवर्तन लाने के लिए कार्य किया. वर्तमान समय में आर्थिक और शैक्षणिक परिवर्तन के बिना समाज में बदलाव संभव नहीं है. अगर कोई व्यक्ति अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा और अच्छा स्वास्थ्य नहीं दे सकता तो फिर किसी अन्य चींज की बात करने का कोई मतलब नहीं है.
आरक्षण की बात करते हुए जाप अध्यक्ष ने कहा कि हमारी पार्टी निजी क्षेत्र में आरक्षण की वकालत करती है और हम इसे लेकर कार्य करेंगे. युवा हमारे नीतियों के केंद्र में है और 85% युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है. कोरोना काल में हो रहे चुनावी रैलियों पर बोलते हुए पप्पू यादव ने ने कहा कि रैलियों में नेता बिना मास्क के लाखों की भीड़ जुटा रहे हैं लेकिन यदि कोई आम आदमी बिना मास्क के बाहर निकल जाता है तो उससे फाइन वसूला जाता है. स्थिति दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है और सरकार इससे निपटने में विफल साबित हुई है.
अंत में पप्पू यादव ने कहा कि मैं बाबा साहेब अम्बेडकर के जीवनदर्शन का पालन करता हूँ और आप सभी से भी आग्रह करता हूँ कि आप भी उनके जीवन के आदर्शों को अपनाएं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह कुशवाहा ने कहा कि बाबा साहेब ने अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना किया लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और शिक्षा के बल पर देश-दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई. वे हम सभी के लिए आदर्श हैं.
जन अधिकार युवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राजू दानवीर ने कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर ने हमें एक ऐसा संविधान दिया जिसमें सभी लोग समान हैं, फिर चाहे कोई व्यक्ति किसी भी जाति, धर्म या क्षेत्र से हो. समतामूलक समाज के निर्माण के लिए उनके द्वारा किये गए प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है.