सिटी पोस्ट लाइव : पिछले 14 सालों से जेल में बंद आनंद मोहन का अब सब्र टूट रहा है. जिसका नतीजा है कि वे अब सीधे-सीधे नीतीश कुमार पर हमला करते नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा है कि एक केस में तीन तीन बार जेल बर्दाश्त नहीं होता. इससे अच्छा है आप गोली मरवा दीजिए या नहीं तो जेल आपका है जहर खिलवा दीजिए. दरअसल बिहार में दो सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान सहरसा जेल में बंद आनंद मोहन के सेल में छापा मारा गया था और आरोप लगाया गया था कि आनंद मोहन के पास मोबाइल बरामद हुआ. जिससे वह तारापुर और कुशेश्वरस्थान में मतदाताओं को प्रभावित कर रहे थे. आनंद मोहन पर इस आरोप को लेकर मामला भी दर्ज किया गया है.
आनंद मोहन ने भी जेल प्रशासन और राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा है कि वो जब जेल में बंद हैं तो उनके पास मोबाइल कैसे आ सकता है. आनंद मोहन ने आरोप लगाया है. साजिश के तहत हर चुनाव के वक्त ऐसा किया जाता है. 2020 विधान सभा चुनाव में मुझे सहरसा जेल से तबादला किया गया. तब कोविड प्रोटकॉल का भी ध्यान नहीं रखा गया. संपूर्ण बिहार में कोई एक भी ऐसा मामला नहीं है जब किसी कैदी को एक जेल से दूसरे जेल में ट्रांसफर किया गया है, लेकिन मेरे परिवार के चुनाव लड़ने के बाद मेरा जेल से ट्रांसफर कर दिया गया.
इतना ही नहीं जेल मैनुअल कहता है कि मेडिकल चेकअप कीजिएगा लेकिन, मेरा मेडिकल कभी नहीं कराया गया. अगर आप तबादला करते भी है तो मुझे खबर कीजिएगा, लेकिन रात को 2:00 बजे मुझे ट्रांसफर किया गया और इसकी जानकारी तक पहले नहीं दी गयी. यहां तक की मेरे परिवार के किसी सदस्य को भी जानकारी नहीं दी गई. आनंद मोहन ने कहा कि वो 14 वर्षों जेल में बंद हैं पहले भी जेपी आंदोलन में जेल गए थे . 44 साल से यहां आ जा रहे हैं. लेकिन छापेमारी के दौरान उच्च स्तरीय मेडिकल टीम कभी मौजूद नहीं रही. उन्होने कहा कि उन्हें डर है कि मुझे मारने की कोशिश होती. में विरोध करता और उसी दौरान मेरी हत्या हो जाती.
आनंद मोहन यही नहीं रुके. उन्होंने कहा कि आनंद मोहन ने कहा कि सारा रिपोर्ट मेरे पक्ष में गया है. मैं निर्दोष हूं यह बच्चा-बच्चा जानता है. मैं माननीय मुख्यमंत्री जी से आग्रह करता हूं कि अगर मुझसे इतनी नफरत है तो अब कितना टॉर्चर कीजिएगा अगर हमारी जिंदगी से किसी को परेशानी है तो इंतजार किस बात का हम छाती चौड़ा किए हुए हैं आइए और गोली मरवा दीजिए या नहीं तो जेल आपका है जहर खिलवा दीजिए.