सिटी पोस्ट लाइव : 200 साल तक भारत को गुलाम बनाकर रखनेवाले यूनाइटेड किंगडम पर अब एक भारतवंशी राज करेगा.भारतवंशी ऋषि सुनक यूनाइटेड किंगडम (UK) के प्रधानमंत्री चुने गए हैं. UK की कंजर्वेटिव पार्टी ने ऋषि सुनक को अपना नेता चुना है. दिवाली के मौके पर शाम को ऋषि सुनक के नाम का ऐलान किया गया. ऋषि सिर्फ 45 दिन पीएम रहीं लिज ट्रस की जगह लेंगे. यूके के महाराजा चार्ल्स III की मंजूरी मिलते ही सुनक औपचारिक रूप से अगले प्रधानमंत्री बन जाएंगे.
ब्रिटिश पीएम की रेस में सुनक, बोरिस जॉनसन और पेनी मॉरडॉन्ट शामिल थे. जॉनसन ने नाम वापस ले लिया और पेनी जरूरी समर्थन नहीं जुटा सकीं. उनके रेस से बाहर होते ही सुनक का यूके का पहला एशियाई प्रधानमंत्री बनना तय हो गया. ऋषि को पार्टी के भीतर जबर्दस्त सपोर्ट मिला है. लिज ट्रस के जाने से भारतवंशी ऋषि सुनक की पीएम पद पर दावेदारी बनी थी. दोनों ने पीएम पद के लिए कंजर्वेटिव पार्टी के भीतर कुछ माह पहले हुए चुनाव में काफी मशक्कत की थी और ऋषि दूसरे नंबर पर रहे थे.
ऋषि सुनक कंजर्वेटिक सांसदों की पसंद रहे हैं और वित्तीय मसलों पर भी अच्छी समझ रखते हैं. असल में वह पूर्व में वित्त मंत्री रहे हैं. पीएम पद के चुनाव में उन्होंने ट्रस को कड़ी टक्कर दी थी. ब्रिटेन में हालिया पीएम पद के चुनाव में आम आदमी पर से महंगाई के दबाव को कम करना बहुत बड़ा अजेंडा बन गया था. ऐसे में लुभावने वादे कर लिज ट्रस पीएम तो बन गईं मगर उनका ऐक्शन प्लान फेल हो गया. इससे पहले सुनक ने ट्वीट किया था, ‘हमारे सामने और बड़ी चुनौतियां हैं. लेकिन यदि हम सही चुनाव करते हैं तो अवसर असाधारण हैं. मेरा काम करने का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, हमारे सामने जो सबसे बड़ी समस्याएं हैं, उनसे निपटने की स्पष्ट योजना है और मैं 2019 के घोषणापत्र में किए गए वादों पर काम करुंगा.’
महज 45 दिन तक सत्ता में रहीं लिज सबसे कम समय तक पीएम पद पर रहने वालीं ब्रिटेन की पीएम बनीं. ट्रस टैक्स कटौती का चुनाव वादा करके ही सितंबर की शुरुआत में पीएम बनीं थीं. हालांकि जब 23 सितंबर को वह मिनी बजट लाईं तो उसमें किए गए प्रावधानों ने वित्तीय बाजार में ऐसी हलचल मचाई कि ट्रस को वित्ती मंत्री को ही बर्खास्त करना पड़ा. ट्रस ने 6 सितंबर को पीएम पद संभाला था और 23 सितंबर को उनके वित्त मंत्री क्वासी क्वारतेंग जो मिनी बजट लाए, उसमें 45 अरब की टैक्स कटौती की बात कही गई. अमीरों के लिए टैक्स में 45% तक की कटौती की गई जबकि गरीबों के लिए कुछ खास नहीं था. इससे आगामी हफ्तों में वित्तीय बाजार में अस्थिरता आ गई.
हालात इस कदर बिगड़ गए कि वित्त मंत्री को आनन-फानन में हटाना पड़ा. नए वित्त मंत्री ने आते ही बजट प्रावधानों को ही वापस ले लिया. इससे ट्रस सरकार पर सवाल उठ गए कि न तो वह अपने चुनावी वादे पर टिकी रह पाईं और न ही उनके पास कोई ऐक्शन प्लान था. इसके बाद कंजर्वेटिव पार्टी के भीतर ही उनके खिलाफ विरोध तेज हो गया. पहले वित्त मंत्री, फिर भारतीय मूल की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने इस्तीफा दिया. इस्तीफा क्या दिया, खुलेआम कह दिया कि पीएम अपने चुनावी वादे पर नहीं टिकी रह सकीं। इससे ट्रस सरकार पूरी तरह अस्थिर हो चली.ब्रिटेन में 2019 में हुए आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी जीती थी.आम चुनाव 2025 तक ही होने हैं, मगर विपक्षी लेबर पार्टी मध्यावधि चुनाव की मांग कर रही है. लेबर नेता सर कीर स्टार्मर ने कहा है कि इस उथल-पुथल से निकलने का आम चुनाव ही एक रास्ता बचा है.