सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना से मरने वालों के आश्रितों को CM राहत कोष से 4 लाख की सहायता राशि नहीं मिल पा रही है. पोर्टल अपडेट नहीं होने की वजह से पोर्टल में सहायता राशि फंस गई है. कोरोना वायरस से मरनेवाले लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है. एक आंकड़े के अनुसार पटना में 409 मरीजों की मौत अबतक हो चुकी है लेकिन 134 के आश्रितों को ही मिली सहायता राशि मिल पाई है.
कोरोना से मरने वालों के परिजन मुख्यमंत्री आर्थिक सहायता के लिए भटक रहे हैं. दरअसल, जिस पोर्टल से सिविल सर्जन कार्यालय राज्य स्वास्थ्य समिति को जानकारी देता है वह पोर्टल ही काम नहीं कर रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि राज्य में कोरोना से मौत होने पर मृतक के नजदीकी आश्रित को CM राहत कोष से 4 लाख की सहायता राशि दी जाएगी.लेकिन पोर्टल में आई खराबी की वजह से ये राहत लोगों को नहीं मिल पा रही है.
बिहार में कोरोना से मंगलवार तक 1486 लोगों की मौत हो चुकी है. पटना में 409 लोगों की जान जा चुकी है. पटना में कोरोना से हुई 409 मौतों के मामले में 134 के आश्रितों को ही सहायता राशि मिल पाई है जो 50 प्रतिशत से भी कम है. यह स्थिति पूरे बिहार में है, 50 प्रतिशत परिवार सहायता के लिए भटक रहे हैं.सूत्रों के अनुसार कोरोना से मरने वालों का वैरीफिकेशन संबंधित जिले के सिविल सर्जन कार्यालय को करना होता है. वेरीफिकेशन के बाद सिविल सर्जन कार्यालय से जानकारी पोर्टल के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य समिति को भेजी जाती है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि पोर्टल में जानकारी अपडेट करने में समस्या आ रही है.
जांच में भी ऐसे ही नियम बनाए गए हैं कि अगर कोरोना से मौत भी हुई है और जहां इलाज कराया है वह बिहार सरकार से रजिस्टर्ड नहीं है तो सहायता राशि नहीं मिलेगी. अगर जांच केंद्र को बिहार में स्वास्थ्य विभाग ने रजिस्टर्ड नहीं किया है तो उसकी जांच को भी सहायता राशि के मामले में नहीं माना जाएगा. अब पोर्टल में समस्या के कारण इससे संबंधित जानकारी नहीं अपलोड हो पा रही है जिससे काम ठप्प है.