370 हटाए जाने पर सारे देश चुप्प लेकिन आ गया है अमेरिका का पहला बयान

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370 हटाए जाने पर सारे देश चुप्प लेकिन आ गया है अमेरिका का पहला बयान

सिटी पोस्ट लाइव : कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने को लेकर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. पाकिस्तान लगातार दूसरे देशों से बात कर भारत के विरोध में माहौल बनाने की कोशिश में जुटा है. भारत के फैसले पर दुनिया के ज्यादातर देश अभी तक शांत हैं लेकिन अमेरिका की ओर से इस मुद्दे पर पहला बयान आ चुका है. अमेरिका ने भारत के इस कदम पर नजर बनाए रखने की बात कही है. लेकिन खास बात यह है कि अमेरिका ने अपने बयान में  पाकिस्तान का जिक्र करने से परहेज किया है..

अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है. साथ ही उसने सभी पक्षों से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की.अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना पीटीआई-भाषा से कहा,‘‘हम नियंत्रण रेखा पर सभी पक्षों से शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील करते हैं.’’

जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त किए जाने के सवाल पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने जम्मू कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में तब्दीली की भारत की घोषणा और राज्य को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में बांटने की योजना को संज्ञान में लिया है. अमेरिका जम्मू कश्मीर की घटनाओं पर करीब से नजर रखे हुए है.’

अमेरिका जम्मू कश्मीर की घटनाओं पर करीब से नजर रखे हुए है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने कहा कि भारत ने जम्मू कश्मीर में कार्रवाई को ‘‘पूरी तरह से आंतरिक मामला’बताया है. हालांकि उन्होंने जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर चिंता जताई.अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कुछ नेताओं को हिरासत में लिए जाने की खबरों से वह चिंतित हैं.उन्होंने  लोगों के अधिकारों के सम्मान तथा प्रभावित समुदायों से चर्चा की अपील भी किया है.

गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के अमेरिकी दौरे के दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थ की भूमिका निभाने की गुजारिश की थी और ट्रंप ने इसके बाद कहा था कि पीएम मोदी ने भी उनसे ऐसी मंशा जाहिर की है. लेकिन न सिर्फ भारत ने ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश ठुकरा दी थी बल्कि पीएम मोदी के लिए किए उनके दावे को भी झूठा बता दिया था.

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