जिका VIRUS को लेकर बिहार में अलर्ट जारी, संक्रमित युवक के परिवार का लिया ब्लड सैम्पल
सिटी पोस्ट लाइव : राजस्थान के जयपुर में पढ़ रहे बिहार के एक छात्र की जांच रिपोर्ट में जैसे ही जिका वायरस की पुष्टि हुई कि बिहार स्वास्थ्य मंत्रालय पूरी हरकत में आ गया. जिसके बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सभी 38 जिलों में अलर्ट जारी कर दिया. दरअसल बिहार का रहने वाला पंकज चौरसिया जयपुर में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करता है. 23 अगस्त को एक परीक्षा देने सीवान आया था. इस बीच 7 और 8 सितंबर को अपने दोस्त से मिलने पटना भी गया था. 12 सितंबर को वह जयपुर वापस चला गया. वहां उसकी तबीयत खराब हो गई. बुखार, सिरदर्द, ज्वाइंट पेन एवं उल्टी की शिकायत को देखकर 23 सितंबर को सवाई मानसिंह अस्पताल में जांच की गई, जिसमें जीका वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई.
जिसके बाद राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को मामले की जानकारी दी. जानकारी मिलते ही पीएमओ ने प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय से विस्तृत रिपोर्ट मांगी. वही बिहार राज्य स्वास्थ्य विभाग को केंद्र ने एडवायजरी जारी कर अलर्ट जारी करने को कहा गया. प्रधान सचिव संजय कुमार ने सभी सिविल सर्जन एवं मेडिकल कॉलेज अस्पताल समेत प्राइवेट अस्पताल प्रबंधकों को जीका वायरस के मामले की शिकायत मिलने पर तत्काल इलाज करने एवं विभाग को सूचित करने के निर्देश दिए है.
गौरतलब है जीका वायरस दिन में एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है. इस बीमारी में बुखार के साथ जोड़ों में दर्द और सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इसका कोई टीका नहीं है, न ही कोई ख़ास उपचार है. यदि किसी प्रकार से किसी एक मच्छर ने बीमारी से झूझ रहे व्यक्ति को काटा हो और वही मच्छार किसी स्वस्थ इंसान को काट ले तो वो भी इस वायरस की चपेट में आ सकता है. इस लिए स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने सोमवार को छात्र पंकज चौरसिया के सिवान स्थित घर जाकर परिवार के सभी आठ सदस्यों से मुलाकात की ब्लड सैम्पल लिए. ये सैम्पल जीका वायरस संक्रमण की जांच के लिए भेजे जा रहे हैं.
बता दें जिका वायरस का असर राजस्थान में सबसे ज्यादा है, जहां अबतक 29 लोग इस संक्रमण की गिरफ्त में आ चुके हैं. प्रदेश की अडिशनल चीफ सेक्रटरी (हेल्थ) वीनू गुप्ता ने बताया कि अबतक 29 लोगों के सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं. जीका वायरस के मामलों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, ‘हमारा सर्विलांस सिस्टम मजबूत है, इसलिए ऐसे सभी केस पकड़े में आ जाते हैं. हम स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का इस्तेमाल कर रहे हैं. आईसीएमआर, एनसीडीसी और डीजीएचएस की इनपर नजर है. मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि यहां सबकुछ काबू में है, घबराने की कोई जरूरत नहीं है.