सिटी पोस्ट लाइव : देश में डेल्टा+ वैरिएंट के 40 मामले मिलने के बाद अब बिहार सरकार अलर्ट मोड़ में आ गई है. संक्रमित लोगों का नमूना जेनेटिक मैपिंग के लिए भेजा जा रहा है. सरकार ने पटना मेडिकल कॉलेज से हर 4 दिन पर 15 नमूना भुवनेश्वर लैब भेजने का आदेश दिया है. कोरोना की दूसरी लहर में अब तक भेजे गए 60 से 70 सैंपल में डेल्टा+ नहीं मिला है, लेकिन देश में 40 मामले मिलने के बाद अब इसे लेकर बिहार में जांच करने का काम तेज कर दिया गया है.
कोरोना के वैरिएंट डेल्टा+ ने पूरे विश्व की मुश्किल बढ़ा दी है. तेजी से बदल रहा वैरिएंट हर बार काफी खतरनाक होकर सामने आ रहा है. कोरोना की पहली लहर में भारत में अल्फा पाया गया था और दूसरी लहर में डेल्टा का वैरिएंट मिला. पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ सत्येंद्र सिंह का कहना है कि पहली लहर में कोरोना का अल्फा वैरिएंट था, जो अधिक खतरनाक नहीं था. इसके बाद विश्व के कई देशों में बीटा और गामा का वैरिएंट मिला.
दूसरी लहर में भारत में कोरोना का म्यूटेटेड वैरिएंट डेल्टा पाया गया, जो अल्फा से कई गुना अधिक खतरनाक था. अब देश में नए वैरिएंट डेल्टा+ के मामले मिल रहे हैं जिससे सरकार की चिंता बढ़ गई है.जब भी वायरस का नया वैरिएंट आया है, यह पूरे विश्व के लिए काफी खतरनाक हुआ है.डॉ सत्येंद्र सिंह का कहना है कि भुवनेश्वर में जेनेटिक मैपिंग लैब है. यहां वायरस के म्यूटेशन यानी बदले रूप की जांच होती है. पटना मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग से अब तक 6 लॉट में नमूना जेनेटिक मैपिंग के लिए भुवनेश्वर भेजा जा चुका है. अब तक 80 से 90 % में डेल्टा ही पाया गया है, जिसने दूसरी लहर में पूरे देश को प्रभावित किया है. इसका असर पूरे देश में काफी अधिक रहा है. किसी भी जांच में डेल्टा+ का वैरिएंट नहीं पाया गया है. PMCH से एक लॉट में 15 सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. अब तक 6 लॉट भेजने के बाद भी किसी भी सैंपल में डेल्टा+ वैरिएंट नहीं पाया गया है.