सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में भले ही कोरोना का संक्रमण तेज रफ़्तार से बढ़ रहा है लेकिन फिर भी राहत की बात ये है कि 99 फीसदी लोग होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं.केवल एक फीसदी लोगों को अस्पताल में भारती होना पड़ रहा है.पटना एम्स के में ट्रामा इमरजेंसी हेड डा. अनिल कुमार जो अपने पुरे परिवार के साथ संक्रमित हो गए थे उनका दावा है कि सामान्य दवाओं व देसी नुस्खों से पांच दिन में कोरोना के मरीज स्वस्थ हो सकते हैं.कोरोना विजेता एम्स पटना में ट्रामा इमरजेंसी हेड डा. अनिल कुमार का कहना है कि वो सपरिवार संक्रमित हुए थे .उन्होंने खुद पर देशी नुश्खे आजमाए और पांच दिन में इस वैरिएंट के वायरस खुद हो गए.
डा. अनिल कुमार के अनुसार जब कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई, उस समय गले में इतना दर्द था जैसे किसी ने उसे चाकू से काट दिया हो. खाना तो दूर थूक निगलना भी मुश्किल हो रहा था. इसके साथ बदन व सिरदर्द के साथ बहुत कमजोरी महसूस हो रही थी. जांच में पत्नी व बच्चों की रिपोर्ट भी पाजिटिव आई. सभी ने होम आइसोलेशन में रहकर उपचार शुरू किया. चार सामान्य दवाओं, कुछ देसी नुस्खे और नियमित दिनचर्या से पांच दिन में काफी आराम हो गया. वैसे भी पांच दिन में नए वैरिएंट का वायरस काफी कमजोर हो जाता है.
डा. अनिल कुमार के अनुसार पहली लहर से अबतक वे लगातार कोरोना के विभिन्न वैरिएंट के वायरस का अध्ययन करते रहे हैं. अलग-अलग देशों में हुए इसके प्रभावों का ने केवल अध्ययन किया बल्कि आमजन से भी साझा किए हैं. जब खुद संक्रमित हुए तो उसी के आधार पर सिर्फ चार दवाएं लीं. इसके अलावा से सर्दी-बुखार होने पर घर में दादी-नानी जिन नुस्खों का प्रयोग करती थीं, उनका भी पालन किया.
डा. अनिल कुमार के अनुसार ठंड का मौसम होने से गर्म पानी व अन्य गर्म तरल पदार्थों का सेवन काफी राहत देने वाला रहा. कमजोरी के लिए कोई भी एक मल्टी विटामिन, साथ में सुबह-शाम विटामिन सी की 500 एमजी की एक-एक गोली दस से 15 दिन, सर्दी व खांसी है तो लिवो सेट्रेजिन की 10 मिली ग्राम की एक गोली पांच से सात दिन तक, गले में खराश या दर्द है तो पांच दिन एजिथ्रोमाइसिन जैसी एंटीबायोटिक और बुखार व दर्द से राहत के लिए जरूरत के अनुसार 650 मिलीग्राम पैरासिटामोल लेनी चाहिए.