सिटी पोस्ट लाइव : पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव के बाद से सीबीआई टीएमसी नेताओं के पीछे हाथ पैर धोकर पड़ी हुई है.नारदा स्टिंग केस (Narada Sting Case) में गिरफ्तार हुए TMC के चारों नेताओं को अंतरिम जमानत मिल गई है और भारत के इतिहास में ऐसा कम ही देखने को मिलता है. हालांकि इन नेताओं को जिस आधार पर जमानत मिली है, वो भी काफी दिलचस्प है.सोमवार को कोलकाता में CBI दफ्तर के बाहर इकट्ठा हुए TMC के कार्यकर्ताओं ने पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों पर जबरदस्त पथराव किया. TMC के ये कार्यकर्ता ममता सरकार में कैबिनेट मंत्री फिरहाद हाकिम, कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी और TMC के विधायक मदन मित्रा की गिरफ्तारी से नाराज थे.
CBI ने तीन TMC नेताओं के अलावा ममता सरकार में मंत्री रहे सोवन चटर्जी को भी आज नारदा स्टिंग टेप घोटाले में गिरफ्तार किया, जिसके बाद इस पर नया खेला शुरू हो गया. गिरफ्तारी के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी CBI दफ्तर पहुंच गईं. कुछ देर बाद TMC कार्यकर्ताओं ने भी CBI दफ्तर की बिल्डिंग को घेर लिया और वहां हंगामा शुरू हो गया. ममता बनर्जी करीब साढ़े पांच घंटे तक CBI दफ्तर में बैठी रहीं और इस दौरान उनके समर्थक CBI दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करते रहे.
जिस समय ममता बनर्जी CBI दफ्तर के अंदर थीं, उस दौरान कुछ कार्यकर्ता पुलिस और सुरक्षाबल पर पत्थरबाजी करते नजर आए. इन लोगों ने वहां मौजूद सुरक्षाबलों के जवानों के साथ बदसलूकी भी की, जिसके बाद पुलिस ने भी TMC के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया और इस पूरे हंगामे ने एक बार फिर बंगाल में नारदा स्टिंग टेप घोटाले को खबरों में ला दिया है. आज हम आपको इस पूरे घोटाले के बारे में भी बताएंगे.
ये मामला कितना बड़ा है, इसे आप इसी बात से समझ सकते हैं कि दो मंत्रियों और एक विधायक को छुड़ाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद साढ़े 5 घंटे तक CBI दफ्तर में बैठी रहीं. सबसे पहले वो CBI के DIG अखिलेश सिंह से मिलीं और फिर दफ्तर के अंदर एक कमरे में जाकर बैठ गईं. एक तरह से ममता बनर्जी ने CBI दफ्तर के अंदर ही धरना देना शुरू कर दिया. इस दौरान ममता बनर्जी ने अपने कई मंत्रियों और अधिकारियों से भी मुलाकात की.
देश का यह अपने तरह का पहला मामला है . ममता बनर्जी ने एक घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किए गए अपने मंत्रियों और विधायक की रिहाई के लिए धरना दिया.दरअसल, ये सबकुछ राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी के बीच टकराव की वजह से हो रहा है. इस पूरे मामले की जांच के आदेश पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने दिए थे. ममता बनर्जी का कहना है कि CBI इस तरह से किसी कैबिनेट मंत्री और विधायक को गिरफ्तार नहीं कर सकती, जबकि CBI का कहना है कि उसे जांच के निर्देश सीधे राज्यपाल से मिले हैं, जिसके बाद वो कार्रवाई कर रही है.