सिटी पोस्ट लाइव : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शिक्षा मंत्री मेवालाल के इस्तीफे के बाद सरकार पर हमला और भी तेज कर दिया है। तेजस्वी यादव ने कहा दिया है कि एक इस्तीफे से नहीं चलेगा काम, असली गुनाहगार तो आप है। इस्तीफे को नौटंकी करार देते हुए उन्होंने कह दिया है कि अब आपको हम आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आगाह करते रहेंगे।
ट्वीट करते हुए तजेस्वी यादव ने लिखा है कि
मैंने कहा था ना आप थक चुके है इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है।
जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया
थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया
घंटे बाद इस्तीफ़े का नाटक रचाया।
असली गुनाहगार आप है। आपने मंत्री क्यों बनाया??आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी?
मैंने कहा था ना आप थक चुके है इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है।
जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया
थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया
घंटे बाद इस्तीफ़े का नाटक रचाया।
असली गुनाहगार आप है। आपने मंत्री क्यों बनाया??आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 19, 2020
दूसरे ट्वीट में तेजस्वी यादव ने लिखा है कि
मा. मुख्यमंत्री जी,
जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें। महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी। अभी तो 19 लाख नौकरी,संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे। जय बिहार,जय हिन्द
मा. मुख्यमंत्री जी,
जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें। महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी। अभी तो 19 लाख नौकरी,संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे। जय बिहार,जय हिन्द
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 19, 2020
बता दें कि नीतीश सरकार में शिक्षा मंत्री बने डॉ. मेवालाल चौधरी भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण विरोधी दलों के निशाने पर आने के बाद पदभार ग्रहण करने के चंद घंटों पर इस्तीफा दे दिया। डॉ. मेवालाल चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यही नहीं, उनके इस्तीफे का लिफाफा राजभवन पहुंच गया है और राज्यपाल फागू चौहान ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है।
गौरतलब है कि तारापुर के नवनिर्वाचित जेडीयू विधायक डॉ मेवालाल चौधरी को पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया था। राजनीति में आने से पहले वर्ष 2015 तक वह भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। वर्ष 2015 में सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति में आए। इसके बाद जेडीयू से टिकट लेकर तारापुर से चुनाव लड़े और जीत गए।लेकिन, चुनाव जीतने के बाद डॉ चौधरी नियुक्ति घोटाले में आरोपित किए गए। कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति घोटाले
का मामला सबौर थाने में वर्ष 2017 में दर्ज किया गया था। इस मामले में विधायक ने कोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली थी।
वहीं दूसरी तरफ एक और आरोप मेवालाल पर लगा है। बता दें कि मेवालाल चौधरी की पत्नी स्व. नीता चौधरी राजनीति में काफी सक्रिय रही थीं। वह जेडीयू के मुंगेर प्रमंडल की सचेतक भी थीं। 2010-15 में तारापुर से विधायक चुनी गयीं। वर्ष 2019 में गैस सिलेंडर से लगी आग में झुलसने से उनकी मौत हो गयी थी। पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने मेवालाल चौधरी की पत्नी की मौत के मामले में उनसे पूछताछ की मांग की थी। इसके लिए
उन्होंने डीजीपी एसके सिंघल को पत्र लिखा था।