सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद बिहार की राजनीति थोड़ी ठंडी हो रखी थी. लेकिन जैसे ही कोरोना का संक्रमण कम हुआ कि बिहार की राजनीति में महामारी फ़ैल गई. दरअसल हम बात कर रहे हैं लोजपा की. लोक जनशक्ति पार्टी में बड़ी टूट हुई है. पार्टी सुप्रीमो चिराग पासवान को छोड़ उनके चाचा और चचेरे भाई समेत पार्टी के तमाम 5 सांसद अलग हो गए हैं. पहले खबर आई कि ये सभी जदयू में शामिल होंगे लेकिन पशुपति कुमार पारस ने कहा कि वो कहीं नहीं जा रहे हैं. उनकी पार्टी लोजपा ही रहेगी और NDA का समर्थन करती रहेगी. बता दें लोजपा में हुई इस टूट के बाद चिराग को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय दल का नेता, दोनों की कुर्सी से भी हटा दिया गया है.
वहीं अब खबर ये आ रही है कि कांग्रेस को तोड़कर एनडीए को मजबूत बनाने की कोशिश है. इसके लिए जेडीयू और बीजेपी दोनों अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस के कई नेताओं ने जेडीयू के साथ आने के संकेत भी दिए हैं. अगर ये अटकलें सही साबित होती हैं तो जल्द ही बिहार में एक और पार्टी में बड़ी टूट देखने को मिल सकती है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के कई नेताओं की जेडयू के नेताओं से बात भी हुई है. बस इंतजार संख्या बल का है.
बता दें बिहार की राजनीति में अचानक से कोहराम मचने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. पिछले दिनों मुकेश सहनी और जीतनराम मांझी के बयानों ने नीतीश कुमार के साथ भाजपा की चिंता बढ़ा दी. जहां भाजपा पर जीतनराम मांझी हमलावर दिखें तो वहीं मुकेश सहनी की मांगों ने कुछ और ही रंग दे दिया. शायद यही वजह है कि NDA कोई रिस्क लेना नहीं चाहती. यदि चार पैरों में से एक भी पैर टूटती है तो कुर्सी गिरने का खतरा है.