सिटी पोस्ट लाइव : पहले कोरोना फिर बाढ़ और अब बाढ़ का प्रभाव,बिहार में बाढ़ की विभिषिस्का के बीच बाढ़ से अब तक के सबसे ज्यादा प्रभावित जिलो में शुमार मुज़फ्फरपुर में किसानों पर आफत ला दिया है। जिला के 14 प्रखंड के 12 लाख से ज्यादा लोग को बाढ़ ने किया है प्रभावित तो इसके कारण किसान को बड़ी नुकसान हुआ है और अब ऐसे में जिला प्रशासन कृषि विभाग के द्वारा हुए नुकसान के आंकलन में जुट गया है। मुज़फ्फरपुर जिला के 16 प्रखंड में से 14 बाढ़ की चपेट में हुए हैं और बाढ़ की विभीषिका झेल रही लाखो की जनता के बीच मे आम आदमी के लिए अन्नदाता किसान पर भी आफत बनकर उभरा है।
धान मकई के साथ साग सब्जियों की खेती को भारी नुकसान हुआ है तो वही केले के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध मीनापुर प्रखंड के दर्जनों गांवों में केले की सैकड़ो एकड़ में लगी पेड़ बरबाद कर दिया है।मीनापुर क्षेत्र के किसान इसे अब तक कि सबसे बड़ी आपदा बता रहे हैं जहां पर अली नेउरा बादुर छपरा पुरैनिया के साथ कई गांव में लगी हुई केले की खेती बर्बाद हो गया है जहां के किसान इस व्यथा को खुद बता रहे हैं। वही जिला में आई भीषण बाढ़ के कारण सब्जियों की खेती के साथ ही ख़रीफ़ फसल धान मकई को भी काफी क्षति हुआ है जिसको लेकर अब किसान बेहद ही हताश और परेशान है।
किसान अपने लागत की राशि निकलने के लिए मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं।अब इस दासता को किसान बता रहे हैं कि जिले में यह बाढ़ कोरोना के बाद सबसे बड़ी आपदा बनकर आया है और जो भी उम्मीद के साथ बोया था उसपर भी इस भीषण बाढ़ ने कहर बरपाया है।खासकर छोटे किसानों को जो कर्ज लेकर साहूकार के ऊंचे सूद पर फसल की बोआई करते हैं।अब ऐसे में यह देखना होगा कि सरकार की ओर से किसानों के लिए क्या राहत किया जाता है।
पूरे मामले में जिला प्रशासन के जनसंपर्क अधिकारी बताते हैं की बाढ़ के कारण निशंदेह बहुत बड़ा नुकसान हुआ है और अब ऐसे में जिला प्रशासन ने कृषि विभाग को आदेश दिया है ताकि बाढ़ से हुए प्रभवित क्षेत्रों के किसानों की फसल नुकसान का आंकलन करे और जल्द ही रिपोर्ट सौंपे ताकि मुआवजा की राशि जल्द से जल्द दिलाया जा सके और किसान को राहत हो।