रामायण को लेकर ट्रोल होने के बाद अब मांझी ने दिया करारा जवाब, ट्वीट कर सदियों का दर्द किया बयां

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव: बिहार की राजनीति में इन दिनों बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के द्वारा रामायण को लेकर दिए गए बयान के बाद हलचल मच गयी है. मांझी अपने इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं की तरफ से घिर गए हैं. भाजपा विधायक के हरी भूषण ठाकुर बचौल ने तो उनसे सवाल कर दिया था कि, जीतन राम मांझी का नाम जीतन राक्षस मांझी क्यों नहीं है. जीतन राम मांझी अपना नाम बदलकर जीतन राक्षस मांझी रख लें. वहीं, अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है.

यह मामला शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है. भाजपा नेता लगातार मांझी पर हमलावर हो गए हैं. इस बीच जीतन राम मांझी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एक ट्वीट किया है और इस ट्वीट के जरिये मांझी ने अपना दर्द बयां किया है. इस ट्वीट में मांझी ने समाचार पत्र के फोटोस भी शेयर किया है, जिसमें दलितों को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं दिए जाने का जिक्र किया गया है. मांझी ने इन तस्वीरों के साथ लिखा कि, “ये जो हम कह रहें हैं, बस सदियों का दर्द है, गुस्से का अब-तक हमने इजहार कहां किया”.

साथ ही लिखा कि, “धर्म के राजनैतिक ठेकेदारों की ज़बान ऐसे मामलों पर चुप हो जाती है। अब कोई कुछ नहीं बोलेगा,क्योंकि धर्म के ठेकेदारों के पसंद नहीं कि दलित मंदिर में जाए, दलित धर्मिक कव्यों पर टिप्पणी करे”. बता दें कि, कर्नाटक से एक खबर सामने आई थी जहां, से हनुमासागर इलाके में स्थित एक मंदिर में दलितों को जाने की अनुमति नहीं है. दलित मंदिर के बाहर से ही पूजा कर सकते हैं.

लेकिन, कर्नाटक के कोपल जिले में एक दलित माता-पिता को 23,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया. वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उनका 2 साल का बेटा मंदिर में आशीर्वाद लेने के लिए चला गया था. बच्चे के मंदिर में जाने के बाद मंदिर का शुद्धिकरण भी किया गया. जीतन राम मांझी के इस ट्वीट के बाद काफी हलचल पैदा हो सकती है. पिछले दिनों उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व को लेकर जो बयान दिया था, उसे लेकर उन्हें काफी ट्रोल किया गया था. वहीं, अब इस ट्वीट से उन्होंने करारा जवाब दे दिया है.

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