सिटी पोस्ट लाइव – इलाके में कुत्ते-कुतिया की शादी इन दिनों चर्चा में है। कल्लू (कुत्ता) और बंसती (कुतिया) की शादी इन दिनों सभी की जुबान पर है। शादी में कई लोगों ने शिरकत की और सभी ने कहा-‘पहले तो कभी नहीं देखा। पर यह अच्छा लग रहा है।’ शादी में बारात से पहले पूजा, मटकोर की विधि भी पूरी की गई। फिर शादी संपन्न कराई गई। जहां बैंड-बाजे के साथ शादी की हर रस्म उसी जोश और खुशी के साथ निभाई गई, जैसे इंसान की शादी में होता है। यह शादी तीन दिन पहले मजूराहा गांव में आयोजित की गई। इस दौरान इंसानों की शादी की तरह सारी व्यवस्था की गई। डीजे बजा तो बैंड भी बुलाया गया।
दुल्हन बनी कुतिया ने भी लाल दुपट्टा डाल रखा था
रसोइया लगाकर पकवान बनाए गए। दूल्हा बने कुत्ते को सेहरा बांधा गया तो दुल्हन बनी कुतिया को लाल जोड़े में लाया गया। मोतिहारी में सेहरा बांध कर एक कुत्ता शादी करने पहुंचा। उसकी दुल्हन बनी कुतिया ने भी लाल दुपट्टा डाल रखा था विधि-विधान के साथ शादी संपन्न कराई गई। इसमें तकरीबन पूरे गांव के लिए भोज की व्यवस्था की गई। लोगों ने भी दूल्हा-दुल्हन को गिफ्ट में रुपए दिए। दरअसल, मन्नत पूरी होने पर कुत्ते के मालिक ने उसकी शादी कराई, जिसमें गांव वाले बाराती बने और धूमधाम से विवाह हुआ।
बच्चो को लेकर कुछ मन्नत मांगी थी
कुत्ते के मालिक नरेश सहनी और कुतिया की मालकिन सबिता देवी ने दोनों की शादी से पहले उनका नामकरण किया। महिला ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चो को लेकर कुछ मन्नत मांगी थी, जो पूरी हुई। इसलिए वो ये शादी करवा रही हैं। इनकी शादी में बैंड बाजा और डीजे का भी इंतजाम किया गया। शादी में लगभग तीन से चार सौ लोग पहुंचे थे। वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि इस तरह की शादी उन्होंने अपने जीवन में पहले कभी नहीं देखी। शादी कराने वाले पंडित धर्मेंद्र कुमार पांडेय ने कहा- ‘कुत्ते और कुतिया की शादी सभी को कराना चाहिए। क्योंकि ये भैरव का रूप होते हैं और इस तरह की शादी कराने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।’