सरकार में ऊंची हैसियत रखने वाले 78 ‘भैंस चोरी’ का आरोपी नेता
सिटी पोस्ट लाइव : कभी राज्य सरकार में ऊंची हैसियत रखने वाले आज़म ख़ान की चोरी हुई भैंसों को ढूंढ़ने के लिए रामपुर की जिस पुलिस ने रात-दिन एक कर दिए थे, अब उसी रामपुर पुलिस ने उन पर भैंस खुलवाने समेत तमाम आरोपों में 78 मुक़दमे दर्ज कर दिए हैं.ताज़ा दर्ज मामलों में पुलिस ने सोमवार को आज़म खान, पूर्व सीओ आले हसन खान सहित छह लोगों पर मामला दर्ज किया.
रामपुर के पुलिस अधीक्षक अजयपाल शर्मा ने बताया, “कुछ लोगों ने शिकायत की थी कि उन्हें डरा-धमकाकर उनके घरों को तोड़ा गया था और घर के सामान और पशुधन को लूटा गया था. जांच में आरोप सही पाए गए. मारपीट, धमकी देना और लूट-पाट जैसी धाराओं में आज़म खान समेत छह लोगों पर मुक़दमे दर्ज कराए गए हैं.”
इस मामले में आज़म पर कुछ मुक़दमे पहले से ही दर्ज हैं. बताया जा रहा है कि इसी मामले में अभी और भी मुकदमे दर्ज हो सकते हैं क्योंकि यतीमखाना इलाके के कुछ और लोगों ने भी एक महीने पहले ही पुलिस को तहरीर दे दी है और कई अन्य लोग भी शिकायत दर्ज कराने की तैयारी में हैं.
यतीमख़ाना में ही आज़म ख़ान का एक स्कूल बन रहा है जिसे प्रशासन ने फ़िलहाल रुकवा दिया है. बताया जा रहा है कि इसी स्कूल के लिए लोगों से ज़मीनें खाली कराई गईं.पुलिस के मुताबिक, कोतवाली थाना क्षेत्र के घोसियन निवासी कमर का आरोप है कि 15 अक्टूबर 2016 को तत्कालीन क्षेत्राधिकारी आले हसन ख़ान कुछ सिपाहियों और सपा नेताओं के साथ घर में घुस गए और घर का सारा सामान निकाल कर फेंक दिया. एफ़आईआर में घर में बँधी चार भैंस खोलकर ले जाने का भी आरोप है.पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने छह नामज़द अभियुक्तों के अलावा कुछ अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ भी एफ़आईआर दर्ज की है.
आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ दर्ज मुक़दमों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले दो-तीन महीनों में जो भी मुकदमे दर्ज हुए हैं, उनमें से ज़्यादातर ज़मीन कब्ज़ाने, महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने, रंगदारी मांगने जैसे मुक़दमे शामिल हैं. ये सभी मुक़दमे साल 1982 से लेकर अब तक दी गई तमाम तहरीरों के आधार पर दर्ज किए गए हैं.न सिर्फ़ आज़म ख़ान बल्कि उनके परिवार के अन्य सदस्यों, उनके बेटों और पत्नी तक पर भी मुक़दमे दर्ज हो चुके हैं. अभी पिछले महीने ही आज़म ख़ान की बड़ी बहन निखत अख़लाक़ को पुलिस पकड़कर महिला थाने ले गई. उनकी बड़ी बहन जौहर ट्रस्ट की सदस्य हैं. उसी मामले में पुलिस ने उनसे घंटों पूछताछ की थी. बाद में तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया था.
सांसद आजम ख़ान की पत्नी और राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फातिमा ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन उनके परिवार को अपमानित करने में लगा है. आज़म ख़ान की बहन और रिटायर्ड टीचर को हिरासत में लेने पर उनका कहना था, “शुक्रवार को तो जुल्म की इंतेहा हो गई. 78 साल की बुजुर्ग और सम्मानित महिला को पुलिस नमाज़ पढ़ते वक़्त घर से घसीटते हुए ले गई. अब हम इसके विरोध में सत्याग्रह या बड़ा जन आंदोलन करेंगे.”
पुलिस की इस कार्रवाई का रामपुर में काफी विरोध भी हुआ था और बड़ी संख्या में महिलाओं ने प्रदर्शन किया था. इसके अलावा रामपुर में आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ लगातार हो रही पुलिस कार्रवाई को ‘बदले की भावना’ से की गई कार्रवाई बताते हुए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी पिछले दिनों रामपुर में विरोध प्रदर्शन किया था. ‘कभी नाव गाड़ी पर, कभी गाड़ी नाव पर’. अब ये कहावत समाजवादी पार्टी के सांसद और वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान के मामले में हूबहू फ़िट बैठती है.