सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना काल में संक्रमण के डर से लोगों की नींद उडी हुई है. लेकिन संक्रमण के बीच एक 10 साल के बच्चे की बहादुरी और भक्ति की जो तस्वीर सामने आई है, वह हिला देनेवाली है. 10 साल के इस बच्चे ने अपने पिता के टूट हुए पैर के ऑपरेशन के लिए भीख मांगकर पैसे जुटाए फिर ठेले पर अपने पिता को लेकर अस्पताल पहुँच गये. हड़ताली मोड़ के पास की झोपड़पट्टी का रहने वाला ठेला चालक दिनेश कुमार के दोनों बेटों और एक बेटी ने मिलकर अपने पिता की जान बचाने की कोशिश की.
दिनेश एक ठेला चालक हैं. उन्होंने सिटी पोस्ट लाइव को बताया कि 10 दिन पहले अनीसाबाद में नगर निगम की कचरा उठाने वाली गाड़ी ने उसे धक्का मार दिया था. जब उसे होश आया तब वह अस्पताल में पड़ा था. डॉक्टरों ने पैर में कच्चा प्लास्टर कर छोड़ दिया है. उनका कहना है कि पैर में रॉड लगेगा और उसमें करीब 70 हजार रुपए का खर्च आएगा. पैसे के अभाव में दिनेश का इलाज नहीं हो पा रहा है. ऐसे में उनके बच्चों के पास जब कोई रास्ता नहीं बचा तो वे पिता के इलाज के लिए भीख मांगने लगे.
दिनेश ने कहा कि धक्का लगने के बाद मैं बेहोश हो गया. जब होश आया तब घर वालों को जानकारी हुई. बड़ा बेटा ठेला पर लादकर निगम के दफ्तर भी ले गया. निगम के अधिकारियों ने मेरी स्थिति देखी और कहा कि जिस गाड़ी ने धक्का मारा है उसका नंबर दो. अब मैं नंबर कहां से लाऊं. उस समय तो मैं बेहोश था. दिनेश ने भावुक होते हुए कहा कि मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि अपने पैर का ऑपरेशन करवा सकूं। बच्चे भी छोटे-छोटे हैं.