सिटी पोस्ट लाइव : एससी-एसटी एक्ट को लेकर केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट छुट्टियों के बाद जुलाई में सुनवाई करेगी. साथ ही कोर्ट ने कहा कि जबतक सुनवाई नहीं होती है तब तक कोर्ट का पुराना आदेश बना रहेगा. इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि गिरफ़्तारी से पहले शिकायत की जांच अनुच्छेद 21 में व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार पर आधारित होता है. कोर्ट ने कहा कि अगर एकतरफा बयानों के आधार पर किसी नागरिक के सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी रहे तो समझिए हम सभ्य समाज में नहीं रह रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट के तहत होने वाली कुछ शिकायतों में दम होता है जबकि कुछ में कुछ भी नहीं होता. जिन शिकायतों में ऐसा लगता हो कि वह मनगढ़ंत या फर्जी है, उन मामले में प्रारंभिक जांच की जरूरत है. कुछ ऐसी शिकायतें होती हैं जिसके बारे में पुलिस अधिकारी भी यह महसूस करते हैं कि उसमें दम नहीं है. इस तरह की शिकायतों पर ही प्रांरभिक जांच होनी चाहिए न कि सभी शिकायतों पर. कोर्ट ने कहा कि हमने अपने आदेश में प्रारंभिक जांच को आवश्यक नहीं बताया था बल्कि यह कहा था कि प्रारंभिक जांच होनी चाहिए.