सिटी पोस्ट लाइव : स्वास्थ्य विभाग को चुस्त दुरुस्त करने की तेजस्वी यादव की कवायद कामयाब होती नहीं दिखाई दे रही है.पिछले दिनों बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव अचानक रात में पीएमसीएच समेत अन्य अस्तपतालों का निरीक्षण करने पहुँच गये थे.अगले ही दिन स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए 60 दिनों का समय दिया. बैठक के दौरान अस्पतालों में डाक्टरों की उपस्थिति में हो रही गड़बड़ी पर भी स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग के अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया था.
लेकिन कोई फायदा नहीं. उसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीते चार दिनों में कराए गए अस्पताल निरीक्षण में एक-दो नहीं सात सौ पांच डाक्टर डयूटी से गायब मिले हैं.उनके निर्देश और अस्पतालों के औचक निरीक्षण के बाद भी हालात में सुधार होता नहीं दिख रहा है. आलम यह है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीते चार दिनों में कराए गए अस्पताल निरीक्षण में एक-दो नहीं, सात सौ पांच डाक्टर डयूटी से गायब मिले. स्वास्थ्य विभाग ने बकायदा इन डाक्टरों के नाम और निबंधन संख्या जारी की है. मरीजों की सेवा को लापरवाही में लेने वाले डाक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
स्वास्थ्य मंत्री की बैठक के बाद विभाग ने एक ओर जहां जिलों में टीमों को रवाना कर अस्पतालों की कमियों के आकलन का काम कराया.डाक्टरों की उपस्थिति का आकलन भी किया गया. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की अलग-अलग टीमों के इस औचक निरीक्षण में सात सौ पांच डाक्टर सेवा से नदारद मिले. विभाग ने डाक्टरों की गैर मौजूदगी को गंभीरता से लिया है। विभाग ने गुरुवार को ऐसे सभी 705 डाक्टरों के नाम की सूची और उनके निबंधन नंबर जारी किए. साथ ही इन सभी डाक्टरों को कारण बताओ नोटिस देकर 28 सितंबर तक जवाब मांगा है.
विभाग के अपर सचिव राम ईश्वर ने जारी सूची में डाक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे स्पष्ट कारण बताते हुए 28 तक अपने जवाब विभाग को सौंप दें. ये सभी डाक्टर जिला अस्पताल या मेडिकल कालेज अस्पताल में तैनात है.सेवा से गायब रहने का वाजिब कारण नहीं बताने वाले डाक्टरों के खिलाफ विभाग के स्तर पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.