शिक्षा विभाग में नहीं मिल रहा है 700 करोड़ रूपये का हिसाब-किताब

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार के शिक्षा विभाग में बड़ा गड़बड़झाला चल रहा है.700 करोड़ रुपये का कोई हिसाब किताब नहीं मिल रहा है.खबर के अनुसार शिक्षा विभाग में करीब 600 करोड़ रुपये अधिकारियों ने खर्च कर दिए लेकिन उसका हिसाब किताब वो नहीं दे रहे हैं. विभाग द्वारा बारबार उपयोगिता प्रमाण की मांग किये जाने के वावजूद  अब तक डीसी बिल जमा नहीं किया गया है. शिक्षा विभाग ने सभी डीईओ को 20 फरवरी तक मोहलत दिया है. अगर जिस जिले के डीईओ उपयोगिता प्रमाण पत्र व डीसी बिल जमा नहीं करते हैं उनके खिलाफ एक्शन लेने की चेतावनी दी गई है.

प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रंजीत कुमार सिंह के द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखे गए  पत्र में  एसी-डीसी कोषांग का गठन कर इसकी सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. 2002-03 से लेकर 2019-20 तक खर्च की गई राशि की एसी-डीसी विपत्र एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र लंबित है. यह एक वित्तीय मामला है, उपयोगिता एवं एसी डीसी लंबित रहने के कारण जनहित याचिका भी दायर हो चुका है. यह एक गंभीर मामला बना हुआ है. इसकी गंभीरता को देखते हुए सभी जिलों में कोषांग गठन का निर्देश दिया गया था. लेकिन किसी जिले से अभी तक कोषांग गठन की सूचना नहीं मिली है जो काफी खेद जनक है.

निदेशक ने सभी डीईओ को चेतावनी दिया है कि 3 दिनों के भीतर इसकी सूचना उपलब्ध कराएं. विभाग की लंबित सभी एसी-डीसी विपत्र एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र की सूची भेजी जा रही है. एक-एक आवंटन आदेश को देखें और उसकी पहचान करें. पहचान के बाद उपयोगिता विपत्र प्राप्त करें. सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी साप्ताहिक इसकी समीक्षा करें और इसकी कार्यवाही संधारित करें.सभी प्राप्त अनुदान राशि जैसे- पोशाक, छात्रवृत्ति, वेतन, साइकिल, प्रोत्साहन, परिभ्रमण और भवन निर्माण की एसी-डीसी एवं उपयोगिता 2018-19 तक का शून्य होना अनिवार्य है.

शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने 10 फरवरी 2021 तक सभी लंबित पत्रों की पहचान करने का आदेश दिया है. 15 फरवरी तक सभी एसी-डीसी विपत्र महालेखाकार में जमा करने और 20 फरवरी 2021 तक सभी उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने का सख्त निर्देश दिया है.

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