सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के सात इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाने वाले 351 शिक्षकों मे से अनुबंध पर केंद्र सरकार द्वारा बहाल 205 सहायक शिक्षकों का अनुबंध 30 सितंबर को ही खत्म हो जाएगा. इसके बाद कॉलेज कैम्पस के 205 के करीब सहायक प्रोफेसर (Assistant professor) घर वापस लौट जायेंगे. जाहिर है उसके बाद बिहार के सात इंजीनियरिंग कॉलेजों (Seven engineering colleges) के कई विभागों में 30 सितम्बर के बाद ताला लटक सकता है.
दरअसल छपरा में स्थित लोकनायक जयप्रकाश इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी महाविद्यालय के छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा मिले इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा 27 सहायक प्रोफेसरों को 2017 में बहाल कर तीन वर्षों के लिए भेजा गया था. लेकिन, अभी तक इन शिक्षकों का अवधि विस्तार नहीं किया गया जबकि इनका समय सीमा समाप्त होने वाला है. ऐसी स्थिति में नाराज शिक्षक सभी सात इंजीनियरिंग कॉलेजों में धरना पर बैठ गए हैं.
इन इंजीनियरिंग कॉलेजों में वर्तमान फैकल्टी का 60 फीसदी यही निबंधित सहायक प्राध्यापक हैं. अगर इनके भविष्य पर कोई निर्णय इस माह नही होता है तो अपनी सेवा के नियमितीकरण की मांग के साथ आंदोलन कर रहे इन शिक्षकों का भविष्य तो अंधकारमय होगा ही साथ ही साथ इन महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को भी इसका नुकसान उठाना पड़ेगा.इंजीनियरिंग कॉलेजों में फैकल्टी की कमी का अंदाज़ा इस बात से लगा सकते हैं कि जिस सहायक प्राध्यापक विवेक कुमार तिवारी की नौकरी पर 30 सितम्बर को फुल स्टॉप लगना है वह लोकनायक जयप्रकाश इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, छपरा के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के एचओडी हैं. अब समझिए कि 30 सितम्बर के बाद क्या होगा जब ये प्राध्यापक अपने नियोजन इकाई को छोड़ कर चले जायेंगे.
इस धरना के कारण छपरा के लोकनायक जयप्रकाश नारायण इंजीनियरिंग कॉलेज समेत सभी सात इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाई बाधित हो गई है. सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एचओडी विवेक कुमार तिवारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा 27 सहायक प्रोफेसरों को 2017 में बहाल कर तीन वर्षों के लिए लोकनायक जयप्रकाश इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी महाविद्यालय भेजा गया था. केंद्र और 12 राज्यों के बीच हुए समझौते के तहत या तो राज्य सरकार संविदा समाप्ति के पूर्व नई बहाली कर लेगी या फिर संविदा अवधि का विस्तार करेगी.