राज्य के 64 एफलिएटेड कागजी कॉलेजों की मान्यता होगी रद्द
राजनेताओं-प्राध्यापकों के रिश्तेदार के नाम पर चल रहे बिहार के 64 कॉलेजों की मान्यता होगी रद्द .
राज्य के 64 एफलिएटेड कागजी कॉलेजों की मान्यता होगी रद्द
सिटी पोस्ट लाइव :दरभंगा संस्कृत विश्विद्यालय के 22 से ज्यादा प्राचार्यों की पटना हाईकोर्ट की बर्खास्तगी के बाद अब मगध विश्विद्यालय से बड़ी खबर आ रही है. कॉलेज खोलने के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा तय मानक को नजर-अंदाज किये जाने का एक बड़ा मामला सामने आया है.बिहार में 256 ऐसे एफलिएटेड कॉलेज के बारे में सनसनीखेज खुलासा हुआ है.इस खुलासे के अनुसार प्रादेश में उच्च शिक्षा के नाम पर खिलवाड़ हो रहा है. दर्जनों ऐसे एफलिएटेड कॉलेज बिहार में चल रहे हैं जिनके पास संसाधन के नाम पर कुछ भी नहीं है. ये सारे कॉलेज कागज पर चल रहे हैं. इनके पास न तो जमीन है और ना ही भवन फिर भी इन्हें मान्यता प्राप्त है और ये डीग्री बाँट रहे हैं.
वैसे बिहार में उच्च शिक्षा व्यवस्था में यह घालमेल का मामला पहलीबार सामने नहीं आया है. शिक्षा का कारोबार पूरे देश में अवैध कमाई का सबसे बड़ा जरिया बन चूका है. जिसको रातों रात करोडपति बनना है, वह शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार का सहार ले रहा है. शिक्षा विभाग शिक्षा माफियाओं के साथ मिलकर बड़ा बड़ा खेल कर रहा है. बिहार में 256 में से 64 कॉलेज तो ऐसे है जो शिक्षा विभाग के द्वारा तय मानदंडों पर बिल्कुल खरा नहीं उतरते.अब शिक्षा विभाग की नींद टूटी है और वह ऐसे संस्थानों की मान्यता शीघ्र ही रद्द करने जा रहा है.
गौरतलब है कि वगैर जमीन, भवन के कागज पर कॉलेज चलाकर शिक्षा माफिया नामांकन लेकर,फॉर्म भरवा कर और अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करने का गोरखधंधा कर रहे हैं. ऐसे कागजी कॉलेजों में सबसे ज्यादा संख्या मगध विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त कॉलेज की है.मगध विश्विद्यालय में 56 बिहार विश्वविद्यालय और वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में 11, जेपी विश्वविद्यालय में 8, बीएन मंडल में भी 8, टीएनबी और पूर्णिया विश्वविद्यालय एवं मुंगेर विश्वविद्यालय में 4-4 सहित कई ऐसे कॉलेज हैं, जो कागजों पर चल रहे हैं.अब सरकार इनकी मान्यता रद्द कर देने की तैयारी में है.शिक्षा विभाग के अनुसार ऐसे कागजी कॉलेजों के चक्कर में फंसे छात्रों और छात्राओं को दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि मानदंड पर खरे नहीं उतरने वाले कागजी कॉलेजों में अधिकांश राजनेताओं और प्राध्यापकों के रिश्तेदार के हैं. मगध विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त है आधा दर्जन से ज्यादा कॉलेज ऐसे हैं जिसे अंगीभूत कॉलेजों में पढ़ाने वाले एसोसिएट प्रोफेसरों ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर खोल रखे हैं. राजभवन ने मानदंडों पर खरा नहीं उतरने वाले कॉलेजों को मान्यता रद्द करने का निर्देश शिक्षा विभाग को दिया है.
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