पीडीएस दुकानों में ई-पॉश मशीन के लिए देना पड़ रहा सलाना 48.90करोड़ किराया
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड में जन वितरण प्रणाली दुकानों (पीडीएस) में ई-पॉश मशीन के माध्यम से खाद्यान्न का वितरण हो रहा है, इस मशीन के एवज में राज्य सरकार को सलाना 48.90करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा है, जबकि अगर इसकी खरीद कर ली जाती, तो सिर्फ 71करोड़ रुपये का खर्च आता है। विधायक प्रदीप यादव के एक अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में खाद्य आपूर्ति सह वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि ई-पॉश मशीन को लेकर पूर्व में किये गये समझौते को यदि अभी तोड़ दिया जाता है, तो इससे राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि अगले साल इस एग्रिमेट की अवधि समाप्त हो रही है,उसके बाद सरकार निर्णय लेगी। खाद्य आपूर्ति ने बताया कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा जन वितरण प्रणाली दुकानों में अधिष्ठापित ई-पॉशल मशीन के लिए 1350 रुपये का किराया और 243 जीएसटी यानी कुल 1593रुपये प्रति ई-पॉश मशीन प्रति माह भाड़े पर व्यय किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जनवरी 2020 में इसके लिए 4.04करोड़ का विपत्र प्राप्त हुआ है, वहीं जनवरी 2019 से दिसंबर तक विभाग द्वारा 48.90करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है। विभाग द्वारा यह भी जानकारी दी गयी है कि वर्तमान पद्धति के अनुसार अगस्त 2021 तक ई-पॉश के लिए किराया भुगतान किया जाना है,इसके बाद ई-पॉश विभाग को प्राप्त हो जाएगा। इसके बाद सिर्फ ऑपरेशनल कॉस्ट और वार्षिक मेंटेनेंस कॉस्ट, सिम चार्ज और मैन पावर पर खर्च आएगी। वहीं यदि तत्काल इसका क्रय किया जाय, तो 71 करोड़ रुपये के साथ ऑपरेशनल कॉस्ट भी वहन करना पड़ेगा। विभाग द्वारा यह भी जानकारी दी गयी कि तेलगांना में 1670रुपये व टैक्स, मध्यप्रदेश में 1254, पंजाब में 1775, सिक्किम में 1999रुपये व बिहार में 1405 और झारखंड में 1350 रुपये प्लस टैक्स का भुगतान किया जाता है। विभाग की ओर से यह भी जानकारी दी गयी है कि यह मॉडल मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गयी थी,जिसे 7 जुलाई 2015 को नई दिल्ली में आयेजित सभी राज्यों के खाद्य मंत्रियों की बैठक में हुई चर्चा के क्रम में मध्य प्रदेश का निविदा प्रारूप भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों को परिचालित किया गया। उसी के क्रम में लगभग सभी राज्यों में इसी मॉडल को अपनाया गया है।