सिटी पोस्ट लाइव:एकबार फिर से : बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी चर्चा में है.इस विश्वविद्यालय के छात्रों से बड़ी चुक हुई है.बिहार यूनिवर्सिटी में 28000 ट्रांसजेंडर छात्रों द्वारा BA पार्ट-1 में दाखिला लेने के लिए आवेदन किया गया है. इतनी बड़ी तादाद में ट्रांसजेंडर छात्रों द्वारा आवेदन करने का ये मामला देश भर में चर्चा का विषय बन गया है.यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जब छानबीन की तो पता चला कि आवेदन करने वाले छात्र-छात्राओं ने जेंडर यानी लिंग वाले कॉलम में महिला या पुरुष के बजाय अदर्स या अन्य वाले कॉलम में मार्क कर दिया.
दाखिले के लिए भरे गए फॉर्म के जेंडर वाले कॉलम में पुरुष या महिला की जगह अदर्स (ट्रांसजेंडर) भर देने के कारण बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक पार्ट-1 में आवेदन करने वाले 28 हजार छात्र-छात्राएं ट्रांसजेंडर बन गए हैं.इसका खुलासा तब हुआ जब इन छात्रों के फॉर्म कॉलेजों में नामांकन के लिए भेजे गए. जिन छात्र-छात्राओं के जेंडर वाले कॉलम में अदर्स लिखा था, वह लड़का या फिर लड़की निकल रहे थे. इससे यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले कॉलेज का प्रबंधन हैरान परेशान हो गया. इस मामले में विश्विद्यालय प्रशासन की तरफ से बताया गया कि दाखिला फॉर्म भरते समय छात्रों से यह बड़ी चूक हुई है. अब विद्यार्थी आकर शिकायत कर रहे हैं कि साइबर कैफे वालों ने फॉर्म भरने में गलती कर दी और जेंडर के आगे अदर्स भर दिया.
बिहार विवि में पहली मेरिट लिस्ट के लिए 90 हजार आवेदन थे. इनमें 36 हजार 10 छात्राएं और 25 हजार 873 छात्र शामिल थे. बाकी लगभग 28 हजार छात्र को ट्रांसजेंडर कर दिया गया. इस मामले में बिहार विश्विद्यालय के एग्जाम कंट्रोलर संजय कुमार सिंह के अनुसार जिन छात्र-छात्राओं के आवेदन में जेंडर की गलती हुई है, उन्हें सुधार करने का मौका दिया जाएगा. इसके लिए पोर्टल खोलकर एडिट का विकल्प दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि 2 दिन बाद एडिट के लिए पोर्टल खोल दिया जाएगा.