बिहार एमएलसी चुनाव के लिए सोमवार को आठ बजे से वोटिंग जारी है। मतदान की प्रक्रिया शाम चार बजे तक चलेगी। बिहार विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकार चुनाव के लिए 534 प्रखंड मुख्यालय में मतदान केंद्र बनाए गए हैं। नगर निकाय और त्रिस्तरीय पंचायतों के सवा लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर 24 सीटों के लिए किस्मत आजमा रहे 187 प्रत्याशियों के भाग्य मूल्यांकन करेंगे। आयोग की ओर से निष्पक्ष, निर्भीक, पारदर्शी और स्वच्छ मतदान के लिए संपूर्ण तैयारियां सुनिश्चित कर ली गई है। सोमवार की सुबह आठ बजे से मतदान शुरू चूका है जो शाम चार बजे तक जारी रहेगा। स्थानीय प्राधिकार चुनाव में कुल 1,34,106 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। किसी भी उम्मीदवार को पार्टी का चुनाव चिह्न नहीं मिला है।
मत पत्र पर प्रत्याशी के नाम के सामने पार्टी का नाम लिखा है। 24 सीटों के लिए कमोबेश सभी प्रमुख दलों के उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। राजद (23), भाकपा (01),भाजपा (12), जदयू (11) रालोजपा (01) और कांग्रेस (15) के अलावा कुछ सीटों पर लोजपा रामविलास और विकासशील इंसान पार्टी के उम्मीदवार भी हैं। खासकर वीआइपी के संस्थापक मुकेश सहनी और चिराग पासवान की साख कसौटी पर है।
सांसद, विधायक, विधान पार्षद, त्रिस्तरीय पंचायत के वार्ड सदस्य, मुखिया, ग्राम पंचायत सदस्य, प्रमुख, जिला परिषद सदस्य, छावनी क्षेत्र के चुने हुए प्रतिनिधि मतदाता होते हैं। मतदाता बैगनी स्केच पेन से मतपत्र पर मूल्यांकन कर मतपेटी में मतदान करेंगे। मतदाताओं के चुनाव कर्मियों द्वारा दिए गए पेन की मदद से अपनी पसंद के प्रत्याशी के नाम के आगे अंक लिखकर मतदान करना होगा। किसी भी हाल में मतदाता मतपत्र पर ना तो हस्ताक्षर कर सकेंगे ना ही अंगूठे का निशान लगा सकेंगे। मतदाताओं के लिए स्पष्ट किया गया है कि वे यदि मतपत्र पर हस्ताक्षर करते हैं या अंगूठे का निशान लगाते हैं तो उनका मत बेकार चला जाएगा।
त्रिकोणीय मुकाबला
सात से आठ सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला की स्थिति है। इसमें मुख्य रूप से सारण जिले में निर्दलीय प्रत्याशी सच्चिदानंद राय, मधुबनी में सुमन महासेठ, मोतिहारी में महेश्वर सिंह, पटना में लल्लू मुखिया और गया में सत्येंद्र कुमार के अलावा रोहतास-कैमूर में रविशंकर पासवान के अलावा कई और सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों के मजबूत लड़ाई की स्थिति में होने की वजह से त्रिकोणीय मुकाबला के संकेत मिल रहे हैं।