सिटी पोस्ट लाइव : समस्तीपुर जिले में कोरोना जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक लैब टेक्नीशियन (एलटी) ने टारगेट पूरा करने के लिए जांच के बाद कंटेनर में फेंके गए स्वाब का ही पुन: अलग- अलग सैंपल बना आरटी-पीसीआर के लिए भेज दिया था। नतीजा एक दिन में 115 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गए. तने लोगों के एक साथ पॉजिटिव आने पर जब खलबली मची तो मामले की जांच शुरू की गई। जांच में यह चौंकाने वाली हकीकत सामने आयी। मामला कल्याणपुर पीएचसी का है। जांच में प्रथमदृष्टया दोषी पाए जाने पर सीएस डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने दोषी लैब टेक्नीशियन दिनेश झा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही इस प्रकरण में शामिल अन्य सभी स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका की जांच करने का आदेश दिया है।
जानकारी के अनुसार, कल्याणपुर पीएचसी में पांच जनवरी को कोविड सैंपल की आरटीपीसीआर जांच में एक साथ 115 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए थे। इतनी बड़ी संख्या में एक साथ पॉजिटिव होने की अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए सीएस ने कल्याणपुर पीएचसी प्रभारी से जांच प्रतिवेदन की मांग की थी। साथ ही जिला स्तर से डीपीएम व आईडीएसपी को भी जांच के लिए कल्याणपुर पीएचसी भेजा था। जांच टीम ने सीएस को जांच प्रतिवेदन सौंपा था।
जांच के दौरान (एलटी) प्रयोगशाला प्रावैधिकी राजेश शरण दास ने जांच टीम को बताया कि उस दिन जांच कराने वाले मरीजों की संख्या कम थी। इससे उनके साथ कार्यरत एलटी दिनेश झा ने पूर्व में जांच के बाद कंटेनर में रखे गए स्वाब का टारगेट पूरा करने के लिए अलग- अलग नाम से सैंपल तैयार कर जांच के लिए भेज दिया था। उक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर सीएस ने एलटी दिनेश झा को प्रथम दृष्टया दोषी पाकर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर निलंबन की अवधि में पीएचसी मोहनपुर मुख्यालय कर दिया है।