’10 फीसदी वाले थे अंग्रेजों के दलाल:आलोक मेहता.

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भागलपुर. रामचरितमानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री की टिप्पणी को लेकर विवाद थमा भी नहीं है कि एक अन्य मंत्री आलोक मेहता ने शनिवार को ब्राह्मणों और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखी टिप्पणी की. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मंदिरों में घंटी बजाने वाले अब राज्यों में शासन कर रहे हैं.
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने रविवार को अपने विवादित बयान पर सफाई दी .उन्होंने कहा कि किसी जाति पर कोई आक्षेप नहीं किया था. बस यह कहा था कि 10 प्रतिशत वाले मंदिर में घंटी बजाते थे और अंग्रेजों के दलाल थे. यह किसी जाति के लिए नहीं था.उन्होंने कहा कि मैंने यह कहा था कि जमाने के हिसाब से शासक और शोषित वर्ग बदलते रहते हैं. जब अंग्रेज शासक थे, तो भारत के लोग शोषित थे. जब अंग्रेज चले गए तो उनके पिट्ठू व दलालों ने शोषण करने वालों की सत्ता संभाल ली.

आलोक मेहता ने कहा कि मैंने यह राजनीतिक बयान दिया था कि मंदिर में घंटा बजाना चाहिए था, योगी आदित्यनाथ को पर वह सत्ता में चले गए और जनता को घंटी बजाने के लिए छोड़ दिया. भाजपा द्वारा राजनीति में यह अनोखा प्रयोग किया जा रहा है.राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने कहा कि शहीद जगदेव प्रसाद का जन्म शताब्दी समारोह अगले महीने पटना में आयोजित होना है. इसी सिलसिले में वह भागलपुर गए थे. संबोधन में जगदेव प्रसाद का यह नारा मैंने पढ़ा था कि सौ में नब्बे शोषित हैं, नब्बे भाग हमारा है. दस का शासन नब्बे पर नहीं चलेगा.

मेहता ने दावा किया, ‘हमारी 90 प्रतिशत आबादी, जिसका प्रतिनिधित्व (बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री) जगदेव बाबू करते थे, उनका पहले ब्रिटिश राज ने और फिर उनके एजेंटों ने शोषण किया.’ मेहता ने एक व्यक्तिगत वीडियो में कहा कि जगदेव बाबू ने जिन 10 प्रतिशत लोगों के बारे में बात की, वे किसी विशेष जाति के लोग नहीं हैं, बल्कि एक वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो पिछड़े वर्गों का शोषण कर रहा है और यह प्रथा आज भी जारी है.

गौरतलब है कि इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अपने उस बयान से विवाद खड़ा कर दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि तुलसीदास की महाकाव्य रामायण पर आधारित कविता रामचरितमानस विभाजनकारी है और समाज में नफरत फैलाती है. यूपी में पूर्व मंत्री और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरितमानस पर सवाल उठाते हुए नए विवाद को जन्म दिया है.

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