हवा से भी कोरोना का संक्रमण संभव, CSIR ने दी बंद जगहों में मास्क पहनने की नसीहत

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सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना वायरस के हवा से भी फैलने की संक्रमण होने के विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पुष्टि के बाद वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने लोगों को बंद जगहों पर भी मास्क पहनने की नसीहत दी है. WHO के अनुसार  संक्रमित व्यक्ति के छींकने और खांसने से निकली छोटी बूंदें (Droplets) देर तक तक हवा में रहती हैं. इससे दूसरो को संक्रमण का खतरा रहता है. ऐसे में उन लोगों के लिए बड़ा खतरा है जो N-95 मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. हवा में तैर रहा कोरोना का वायरस सांस के साथ आराम से शरीर में घुस सकता है. केंद्र ने भी N-95 मास्क को खतरनाक बता दिया है.

CSIR के चीफ शेखर सी मांडे ने लिखा कि जितने भी सबूत मिले हैं उससे पता चलता है कि SARS-CoV-2 का हवा से भी प्रसार संभव है. ऐसे में हम खुद को कैसे सुरक्षित रखें. मांडे की सलाह है कि भीड़ से बचें, काम करने की जगह खुली होनी चाहिए और अगर बंद जगहों पर हैं तो मास्क पहने रहें.

गौरतलब है कि 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने WHO को चिट्ठी लिखकर कोविड-19 के हवा से फैलने की बात कही थी और इस मसले की तरफ ध्यान दिलाया था. मांडे ने कहा कि मास्क पहनना सबसे मजबूत रणनीति है और संभवत: यह सबके लिए अनिवार्य है. इस बहस पर कि क्या कोविड का ट्रांसमिशन हवा से होता है या नहीं, मांडे कहते हैं इस बात पर भी बहस चल रही है कि इन्फेक्टेड जगह भी क्या संक्रमण का स्रोत है? अगर संक्रमण की बात करें तो यह सांसों के जरिए ही हो रहा है.

यह तो साफ है कि जब लोग छींकते हैं या खांसते हैं तो उससे हवा में बूंदें (Droplets) निकलती हैं. बड़ी बूंदें तो जमीन पर गिर जाती हैं लेकिन छोटी बूदें हवा में देर तक तैरती रहती हैं. किसी संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से निकलने वाली बड़ी बूंदें तो जमीन पर गिरकर जाती हैं और यह ज्यादा दूर तक नहीं जाती हैं. लेकिन छोटी बूंदें लंबे समय तक हवा में मौजूद रहती हैं.इनके संपर्क में आनेवाले के संक्रमित होने का खतरा बना रहता है.

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