हरिवंश सिंह के निर्वाचन से विपक्षी एकता के ढोंग की पोल खुली : नन्द किशोर यादव
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के पथ निर्माण मंत्री नन्द किशोर यादव ने राज्यसभा के उपसभापति पद पर निर्वाचित होने पर प्रखर पत्रकार हरिवंश नारायण सिंह को बधाई दी है और कहा कि इनके निर्वाचन ने विपक्षी एकता के ढोंग की पोल खोल दी है. यादव ने गुरुवार को यहां हरिवंश जी के निर्वाचन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सन् 2019 के लोकसभा चुनाव के पूर्व एनडीए की एकजुटता के इस परिणाम ने स्पष्ट कर दिया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए प्रचंड और पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटेगी. आने वाले दिनों में कुर्सी की लड़ाई में विपक्षी और भी टुकड़े-टुकड़े में बटा दिखेगा, इसमें कोई संदेह नहीं. उन्होंने कहा कि हरिवंश जी के निर्वाचन से बिहार और झारखंड का मान बढ़ा है. झारखंड जहां उनकी पत्रकारिता की कर्मभूमि रही है तो बिहार से राज्यसभा के सदस्य बने हैं. हरिवंश जी के निर्वाचन के लिये एनडीए के अलावा अन्य सहयोगी दलों के सहयोग के लिये उनके नेताओं को बधाई.
बता दें राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए हुए मतदान में एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश सिंह ने बड़ी जीत हासिल करते हुए विपक्ष को करारा जवाब दिया है. जेडीयू से राज्यसभा के सांसद हरिवंश सिंह और कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद के आमने सामने की टक्कर में हरिवंश के पक्ष में कुल 125 वोट पड़े तो वहीं बीके हरिप्रसाद के हक में कुल 105 वोट मिले. इस वोटिंग में कुल 222 सांसदों ने हिस्सा लिया था. पहले वोटिंग के दौरान कुल 206 वोट पड़े. जिसमें एनडीए के हरिवंश के पक्ष में 115 वोट डाले गए. हालांकि इस दौरान 2 सदस्य अनुपस्थित रहे, यानि उन्होंने वोट नहीं डाला. लेकिन विपक्ष के कुछ सदस्यों की तरफ से आपत्ति आने के बाद उन्हें स्लिप के जरिये वोट डालने दिया गया. इसके बाद दोबारा हुई वोटिंग में कुल 222 वोट पड़े.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन की तरफ से नवनिर्वाचित उपसभापति हरिवंश को बधाई दी. अगस्त क्रांति का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इसमें बलिया की अहम भूमिका थी. मंगल पांडे से लेकर चंद्रशेखर तक की परंपरा में एक नया नाम हरिवंश का जुड़ा है. उनकी शिक्षा-दीक्षा बनारस में हुई थी, यह भी गौरव की बात है. वहीँ अरुण जेटली ने कहा कि, “पिछले कई वर्षों से एक सांसद के रूप में हमें हरिवंश जी को देखने का अनुभव रहा है. जब भी वह सदन में बोले हैं तो पूरी तैयारी के साथ. उनकी हर विषय पर रिसर्च पूरी होती थी. उनकी गरिमा और बात कहने की शालीनता को हम देखते रहे हैं. मुझे लगता है कि वह निश्चित रूप से उपसभापति के रूप में सदन की गरिमा को बढ़ाएंगे.”