सिटी पोस्ट लाईव : खबरिया चैनलों और डिजिटल मीडिया दोनों के बीच होड़ मची है ब्रेकिंग न्यूज़ देने की. सभी एक दूसरे को पीछे छोड़ देने के चक्कर में तथ्यों की जांच-परख के वगैर खबरें चला रहे हैं. ऐसा ही दिखा मोतिहारी बस दुर्घटना की रिपोर्टिंग में. किसी चैनल और डिजिटल मीडिया ने 12 के इस दुर्घटना में मरने की खबर चलाई तो दूसरे ने उसे पीछे छोड़ते हुए 27 तो किसी ने अपने को सबसे तेज साबित करने के लिए 30 से ज्यादा लोगों को मर दिया. अधिकारियों ने घटनास्थल पर जांच-पड़ताल शुरू की. एफएसएल की टीम पहुंची लेकिन बस में या उसके आसपास किसी के मरने के कोई निशान नहीं मिले. लेकिन किसी ने इस खबर को नहीं चलाया. कुछ चुप्पी साध गए तो कुछ ने अपनी गलत खबर को सही ठहराने के लिए सरकार से ही सवाल –जबाब शुरू कर दिया – कहाँ गायब हो गयीं 35 यात्रियों की लाशें ? ये सब कुछ देख सिटीपोस्टलाइव डॉट कॉम की टीम हैरान थी लेकिन परेशान बिलकुल नहीं. सिटीपोस्टलाईव टीम को इंतजार था दूसरी तरफ से भी सच सामने आने का.
100 लोगों में से 99 लोग झूठ को सत्य और सत्य को झूंठ साबित करने पर तूल जाएँ तो कुछ देर के लिए सत्य जरुर झूठ और कमजोर दिखाई देने लगता है जैसा की सिटीपोस्टलाईव डॉट कॉम के साथ हुआ. लेकिन सिटीपोस्टलाईव डॉट कॉम के रिपोर्टर श्रीकांत प्रत्यूष अपनी इस खबर पर टिके रहे कि इस दुर्घटना में कोई नहीं मरा. इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने यह भी खुलासा कर दिया कि दुर्घटना के बाद बस से सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकल लेने के बाद वहां मौजूद लोगों में से किसी एक ने बस के पास की सुखी घास में आग लगा दी जिसने बस को चपेट में ले लिया. प्रमाण के साथ उन्होंने एक विडियो भी सिटीपोस्टलाईव डॉट कॉम के यूं ट्यूब चैनल पर डाला जिसमे बस में आग लगाने के बाद लोग निश्चिंत नजर आ रहे हैं. बस में अगर यात्री फंसे होते तो वो बेचैन दीखते. बस में फंसे यात्रियों को बचाने के लिए भाग-दौड़ करते नजर आते.सिटीपोस्टलाईव डॉट कॉम की इस प्रमाणिक रिपोर्ट के बाद भी किसी ने अपनी गलत खबर को दुरुस्त करने की जरुरत नहीं समझी. ज्यादातर ईश्वर से प्राथना करते रहे कि मरनेवालों की संख्या और बढ़ जाए या फिर इस तैयारी में जुट गए कि अपने असत्य खबर को कैसे सत्य साबित किया जाए. जब 99 लोग ये कह रहे हों कि दर्जनों लोग मरे हैं तो भला “कोई नहीं मरा है ” इस खबर को चला रहे एकलौते डॉट कॉम सिटीपोस्टलाईव की खबर कौन विश्वास करे. यहीं हुआ, सरकार के मुखिया नीतीश कुमार और आपदा प्रबंधन मंत्री ने भी असत्य खबर के सामने सरेंडर कर दिया. शोक संवेदना प्रकट करने से लेकर मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख मुवावजे का एलान भी कर दिया. आपदा प्रबंधन मंत्री ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक ने ट्विट कर शोक व्यक्त कर दिया. जब सूबे का मुखिया खुद सत्य को असत्य और असत्य को सत्य मानने को मजबूर हो जाए और यह मान ले कि दुर्घटना में लोग मारें गए हैं तो फिर क्या स्कोप रह जाता है सही खबर चलानेवाले सिटीपोस्टलाईव डॉट कॉम जैसे एकलौते डिजिटल मिडिया के लिए?लेकिन इतना सबकुछ हो जाने के बाद भी सत्य के साथ अलग थलग पड़ जाने के वावजूद भी श्रीकांत प्रत्यूष अपनी इस खबर पर टिके रहे कि इस दुर्घटना में किसी के मरने का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है. जिन लोगों ने सिटीपोस्टलाईव डॉट कॉम की खबर पर भरोसा किया है, सिटीपोस्टलाईव डॉट कॉम उनका आभार प्रकट करता है.आप थोडा इंतज़ार कीजिये अब सत्य मजबूती के साथ बाहर आने लगा है. थोड़ी देर में सरकार को भी अपनी गलती का अहसास हो जाएगा और सत्य के साथ अबतक एकलौता खड़ा आपका डॉट कॉम सिटीपोस्टलाईव अकेला होते हुए भी आपकी सबसे बड़ी ताकत और खबरों की दुनिया का सबसे भरोसेमंद डॉट कॉम साबित होगा. थोडा इंतज़ार कीजिये .
सिटीपोस्टलाईव की पहली रिपोर्ट : बस हादसे का सच, अबतक नहीं मिला किसी के मरने का प्रमाण