दिवेदी सुरेन्द्र .
यूनिवर्सिटी में शैक्षणिक अराजकता, रोज-रोज के धरना-प्रदर्शन और हड़ताल तथा शिक्षकों और छात्रों से जुड़ी समस्याओं को लेकर दायर की गई 50 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई पटना हाईकोर्ट में मंगलवार को हुई.ये याचिकाएं ग्रेच्यूटी, पेंशन व अन्य तरह के सेवांत लाभ से भी सम्बंधित हैं.इसबार सुनवाई के दौरान व्यक्तिगतरूप से सभी विश्विद्यालयों के वीसी और रजिस्टार कोर्ट में मौजूद थे.
सिटीपोस्टलाईव :हाईकोर्ट विश्वविद्यालयों में चल रही राजनीति से खफा है.मंगलवार को कोर्ट ने अपने सामने हाजिर हुए सभी 11 विश्विद्यालयों के कुलपतियों,रजिस्टारों ,और डीएम-एसपी को जमकर फटकार लगाईं .न्यायधीश अहसनुद्दीन अमानुल्लाह ने कहा कि राजनीति करने और नेताओं के आगे पीछे घुमाने की बजाय विश्विद्यालयों में शान्ति और पठन –पाठन का माहौल बनाइये .कोर्ट ने कैंपस में सीसीटीवी कमरे लगाने और धरना प्रदर्शन की जगह तय करने का निर्देश देते हुए कहा कि सभी अपने अधिकाओं का निर्भीक होकर इस्तेमाल करें ताकि विश्विद्यालयों का शैक्षणिक माहौल सुधारे.
कोर्ट ने अपने आदेश में यूनिवर्सिटी प्रशासन, जिला प्रशासन के साथ शिक्षक प्रतिनिधि व छात्र नेताओं की एक कमिटी बनाकर बैठक हर माह या तीन माह में एक बैठक कर समस्याओं के निदान पर निर्णय लेने का निर्देश दिया. कोर्ट ने बार बार हड़ताल पर जाने से बचने का निर्देश देते हुए कहा कि हड़ताल के पहले कुलपति को सूचना दी जाए. कुलपति समस्या का निदान करने के साथ साथ अनावश्यक हड़ताल के दोषी कर्मियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें.
हर हाल में एकेडमिक कैलेंडर लागू करने का निर्देश देते हुए कोर्ट ने कहा कि इसे बनाने के पूर्व जिला प्रशासन को सूचना दी जाए. डीएम और एसपी यूनिवर्सिटी में सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होंगे.
विश्विद्यालयों से जुड़े 50 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायधीश ने बारी बारी से सबको बुलाकर उनसे अबतक की की गई कारवाई का ब्यौरा लिया .उनके सुझाव भी सुने .सुनवाई के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 7 मई तय करते हुए कोर्ट में हाजिर सभी अधिकारियों को व्यक्तिगत पेशी के आदेश से मुक्त कर दिया .