महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने यौन अपराधों से संबंधित बाल संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) में संशोधन की वकालत करते हुए कहा कि इसके दोषियों को फांसी सजा के लिए सरकार कानून लाएगी। मेनका ने आज एक विडियो जारी कर कहा ”मैं कठुआ और हालिया यौन शोषण मामलों को जानकर बहुत ज्यादा व्यथित हो गई हूं। मैं और मंत्रालय मिलकर पोक्सो अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव रखेंगे जिसके अनुसार 12 साल से कम उम्र के बच्चों के यौन शोषण के मामले में मौत की सजा का प्रावधान हो। इससे पहले विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने कल इस घटना की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि इंसान के तौर पर हम उसके साथ हुए अन्याय को रोकने में नाकाम रहे लेकिन उसे न्याय अवश्य मिलेगा। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में बकरवाल समुदाय की एक आठ वर्षीय बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी।
जानिए क्या है पास्को एक्ट
बच्चों के साथ यौन अपराधों को लेकर साल 2012 में केंद्र सरकार ने एक विशेष कानून बनाया था। यह कानून बच्चों को छेड़खानी, बलात्कार और कुकर्म जैसे मामलों से सुरक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। साल 2012 में बनाए गए पास्को यानि ‘प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस’ एक्ट 2012, इस कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का यौन व्यवहार इस कानून के दायरे में आ जाता है। यह कानून लड़के और लड़की को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है. इस कानून के तहत पंजीकृत होने वाले मामलों की सुनवाई विशेष अदालत में होती है।
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