मोतिहारी एक दुर्घटनाग्रस्त ऑल्टो कार से मिले 1.31 करोड़ रुपये कैश, क्या है माजरा?
सिटी पोस्ट लाइव :बिहार के मोतिहारी जिले से एक बहुत बड़ी खबर आई है. पहले तो जिले के हरसिद्धि थाना के मटियरिया गांव के समीप गन्ना लदे ट्रैक्टर व कार की टक्कर हो जाने की खबर आई. लेकिन जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू हुआ तो सबकी आँखें फटी की फटी रह गईं. दुर्घटनाग्रस्त आल्टो कार में जो कुछ दिखा, पुलिस के होश उड़ गए. इसे एक आम दुर्घटना समझ कर पहुंची पुलिस ये ख़ास दुर्घटना देख भौंचक रह गई. ट्रैक्टर में जिस गाड़ी ने टक्कर मारी थी वो एक ऑल्टो कार थी. सुरु में यह एक मामूली हद्षा की तरह ही पुलिस को दिखा. लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती गई, पुलिस के होश उड़ते गए.
इस छोटी सी सड़क दुर्घटना के पीछे एक बड़ी दुर्घटना ये छिपी थी कि जिस आल्टो कार ने ट्रेक्टर में टक्कर मारी थी, उसमे करोड़ों रुपये रखे मिले. एक मामूली आल्टो कार में करोड़ों रुपये की वारामदगी ने पुलिस को परेशान कर दिया. पुलिस को तलाशी के दौरान आल्टो से रुपयों से भरा बैग मिला. पुलिस सूत्रों के मुताबिक घायलों में कार में सवार गायघाट बहाड़पुर निवासी जयकिशुन तिवारी भी शामिल था. बताया गया कि वह कार से चंद्रहिया स्थित ससुराल जा रहा था, इसी क्रम में यह घटना हो गई. जयकिशुन तिवारी केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए बनकट में हुए अधिगृहित भूमि में फर्जीवाड़ा कर 3 करोड़ पांच लाख 28 हजार रुपये निकासी करने के मामले में आरोपित है.
पुलिस का मानना है कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद वह रुपये को ठिकाने लगाने की फिराक में था. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह रुपये जयकिशुन तिवारी के हैं. जब्त रुपयों की गिनती हरसिद्धि थाना परिसर में नियुक्त दंडाधिकारी की उपस्थिति में की गई. इसके अलावा बैंक से रुपये गिनने वाली मशीन को भी मंगाकर रुपये की गिनती की गई. बताया गया कि बैग से एक करोड़ 31 लाख 13200 रुपये प्राप्त हुए हैं.
सूत्रों के अनुसार अरेराज एसडीओ धीरज कुमार मिश्रा व डीएसपी अजय कुमार मिश्रा की मौजूदगी में तीन घंटे तक नोटों की गिनती चली. इसके लिए हरसिद्धि सीओ धीरज कुमार को बतौर मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था. नोटों की गिनती के लिए बैंक से मशीन भी मंगायी गयी थी. नोटों की गिनती के बीच पुलिस ने अल्टो कार के ऑनर के संबंध में छानबीन की. इस दौरान पता चला कि कार हसुआहा के सुरेंद्र मिश्रा की है.
गौरतलब है कि यह कार जयकिशुन तिवारी की है, जिसके खाते में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय जमीन अधिग्रहण के 1.30 करोड़ रुपये फर्जी तरीके पर ट्रांसफर किये गये हैं. इसको लेकर उन पर रविवार को हादसे के तीन-चार घंटे पहले प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. और सोमवार को ही उसकी गाडी से करोड़ों रुपये की वारामदगी भी हो गई.
पुलिस ने सुरेंद्र मिश्रा से संपर्क किया, तो चौकाने वाली बात सामने आयी. सुरेंद्र ने डेढ़ साल पहले ऑल्टो कार गायघाट बड़ाहरपुर के रहने वाले जयकिशुन तिवारी को बेच दी थी. सुरेंद्र के पुत्र अरुण कुमार मिश्रा कार बिक्रीनामा का कागजात लेकर थाने पहुंचा. उसके बाद मामला साफ हुआ कि जयकिशुन वही है, जिसके बैंक एकाउंट में केंद्रीय विश्वविद्यालय जमीन अधिग्रहण के तीन करोड़ पांच लाख रुपये की फर्जी निकासी में एक करोड़ तीस लाख रुपये ट्रांसफर हुए हैं. कार एक्सीडेंट व रुपये की बरामदगी को लेकर हरसिद्धि थाने में जयकिशुन पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इधर इलाज के दौरान जयकिशुन तिवारी फरार हो जाने की खबर आ रही है.