सहरसा : नहीं रहे समाजसेवी और अपने किस्म के अनूठे दारोगा रमेश प्रसाद सिंह
75 वर्ष की आयु में छोड़ी दुनिया, लंबे समय से चल रहे थे बीमार
सहरसा : नहीं रहे समाजसेवी और अपने किश्म के अनूठे दारोगा रमेश प्रसाद सिंह
सिटी पोस्ट लाइव : दुनिया से चले जाना प्रकृति का नियम है। लेकिन कुछ इंसान की मौत सालती भी है और बहस को भी विवश करती है। सहरसा के पंचगछिया गाँव निवासी सेवानिवृत दारोगा सह प्रखर समाजसेवी रमेश प्रसाद सिंह आज अहले सुबह इस दुनिया को अलविदा कह गए। दिवंगत रमेश प्रसाद सिंह अपने सेवा काल के दौरान अपराधियों के बीच खौफ के पर्याय थे। ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की वजह से इन्हें अधिकारियों का भी कोपभाजन बनना पड़ता था।
अपने काम के प्रति समर्पित दिवंगत दारोगा अपने सेवा काल में प्रोन्नति के लिए तरस गए, लेकिन इन्होंने घुटने नहीं टेके और कभी अपनी कार्यशैली नहीं बदली। सेवानिवृति के बाद समाजसेवा इनका परम धर्म बन गया। इन्होंने जाति और धर्म से ऊपर उठकर लोगों की मदद की और इलाके के कई गाँव में बड़े मामलों का निपटारा खुद के हस्तक्षेप से किया। ये जल्दी कोई मामला थाने नहीं जाने देते थे। आज 75 वर्ष की आयु में इनकी ईहलीला खत्म हो गयी। जो समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
बता दें ये अपने पीछे बेबा पत्नी, तीन बेटे और तीन बेटी छोड़ गए हैं। दिवंगत रमेश प्रसाद सिंह पंचगछिया गाँव के ही रहने वाले बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन, जो अभी आजीवन कारावास के सजायाफ्ता और सहरसा जेल में बन्द हैं, उनके करीबी रिश्तेदार भी थे। उनकी मौत से परिवार सहित इलाके में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। दिवंगत का दाह-संस्कार सभी रिश्तेदारों के इकट्ठा होने के उपरांत कल पंचगछिया में ही होगा। दाह-संस्कार के समय कई कद्दावर लोगों के पहुंचने की भी संभावना है।
सहरसा से संकेत सिंह की रिपोर्ट
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