City Post Live
NEWS 24x7

बिहटा में चुनाव ड्यूटी में तैनात शिक्षक की हुई मौत, मृतक के परिजनों ने स्थानीय चुनाव अधिकारी पर लगाया आरोप

आक्रोशित शिक्षक संघ के लोगों एवं मृतक के परिजनों ने शव को रखकर सड़क किया जाम

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के चौथे चरण में हुए पटना जिले के बिहटा प्रखण्ड के 22 पंचायतों के चुनाव के दौरान एक चुनाव कर्मी सह शिक्षक की हार्ट अटैक से मौत होगई। मृतक शिक्षक की पहचान थाना क्षेत्र के दोघड़ा छिलका निवास मुंद्रिका प्रसाद के 40 वर्षिय पुत्र सुरदर्शन प्रसाद के रूप में हुई है. मौत से आक्रोशित शिक्षक के साथियों एवं परिजनों ने प्रखंड चुनाव अधिकारी पर छुट्टी नहीं देने का आरोप एवं मुआवजे की माँग को लेकर बिहटा-औरंगाबाद मुख्य सड़क पर शव को रखकर जाम कर दिया और जमकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया। हालांकि आक्रोशित शिक्षक साथी एवं मृतक के परिजनों ने बिहटा- औरंगाबाद SH2 सड़क के राघोपुर के पास शव को रखकर आगजनी कर जाम कर दिया।

घटना के सम्बंध में बताया जाता है कि बिहटा के राघोपुर स्थित बाजार समिति के बने मतगणना केंद्र पर जमुनापुर पंचायत के न.14 टेबल पर ईवीएम कलेक्शन में ड्यूटी लगाई गई थी। इसी दौरान बुधवार की देर रात में तैबित खराब होने लगा जो अधिकारियों को जानकारी देने के बाद भी छुट्टी नही दिया गया।और काम खत्म होने के बाद चुनाव कर्मी को गुरुवार की अलहे सुबह 2बजे छुट्टी मिली जिसे घर जाने के क्रम में उनकी रास्ते मे हार्ड अटैक से मौत हो गई। मृतक शिक्षक कौरिया पाली के मध्य विधालय में 2003 से शिक्षक के रूप में पदस्थापित थे।जो चौथे चरण के बिहटा में 22 पंचायतों के चुनाव के लिए मतदान किया गया था।

मतदान के बाद मतगणना केंद्र पर मत पेटियां एवं ईवीएम लेने के लिए शिक्षकों को ड्यूटी लगाई गई थी। इसी क्रम में सुरदर्शन प्रसाद को ईवीएम लेने के दौरान तैबित खराब होने लगी। इधर मृतक की पत्नी उर्मिला देवी एवं तीनों बच्चे का रो रो कर बुरा हाल है। इधर घटना के कई घंटे बीतने के बाद भी कोई भी प्रखंड के चुनाव अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं जिसके कारण लोगों के बीच काफी आक्रोश है और गुस्सा भी है। वहीं घटना के 2 घंटे के बाद बिहटा थानाअध्यक्ष ऋतुराज राघोपुर बाजार समिति घटनास्थल पहुंचे और मृतक के परिजन एवं शिक्षक लोगों से बातचीत कर रहे हैं।

शिक्षक आनंद मिश्रा बताते हैं कि सुदर्शन प्रसाद की तबीयत ईवीएम जमा के दौरान ही खराब होने शुरू हुई थी कई बार उन्होंने स्थानीय चुनाव अधिकारी को सूचना दिए लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें छुट्टी नहीं दी गई जब ईवीएम कलेक्शन समाप्त हुआ तब उन्हें घर जाने की अनुमति दी गई ।लेकिन तब तक घर जाने के दौरान उनकी रास्ते में ही हार्ट अटैक से मौत हो गई।

साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के तरफ से जो मुआवजा राशि दी जाती है वह तुरंत दिया जाए और मृतक शिक्षक के परिजनों को नौकरी भी दिया जाए ताकि उनका परिवार चल सके। ब्यूरो ने स्थानीय प्रखंड के चुनाव अधिकारियों पर भी आरोप लगाया है कि तबीयत खराब होने के बावजूद भी उनसे ड्यूटी कराई जा रही थी मतगणना केंद्र में कई लोग रिजर्व में रखे गए हैं इसके बावजूद भी सुदर्शन प्रसाद से ड्यूटी कराई गई जिसका नतीजा यह हुआ कि उनकी मौत हो गई सरासर स्थानीय चुनाव अधिकारियों की बड़ी लापरवाही है।

पटना से निशांत कुमार की रिपोर्ट

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

Comments are closed.