हादसे को निमंत्रण दे रहा बिक्रमगंज रेलवे स्टेशन, बुकिंग क्लर्क के हवाले सारा कामकाज
सिटी पोस्ट लाइव : अमृतसर रेल हादसे के बाद से जहां भारतीय रेल अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुटी है, वहीं रोहतास जिले का बिक्रमगंज रेलवे स्टेशन किसी बड़े हादसे को निमंत्रण देने में लगा है. दरअसल आज फिर रेलवे की बड़ी लापरवाही रोहतास जिले के सासाराम आरा रेल खण्ड पर देखने को मिली. पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल(मुग़लसराय ज.) के अंतर्गत आने वाला बिक्रमगंज स्टेशन आरा और सासाराम के बीच का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है. जहां फिर एक बड़ा रेल हादसा रेलवे कर्मियों की लापरवाही के कारण घटित होने से बाल-बाल बची.
जानकारी अनुसार बिक्रमगंज रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर ने अपना सारा कामकाज एक टिकट बुकिंग क्लर्क के हवाले कर रखा है. स्टेशन मास्टर की गैर हाजिरी में सारा काम बुकिंग क्लर्क ही देखता है. रविवार को जब स्टेशन क्लर्क साहब टिकट काट रहे थे तभी वाराणसी पैसेंजर आ गई. जिसके बाद बेचारे क्लर्क की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई. मुसीबत ये थी कि पहले वो यात्रियों का टिकट काटे या ट्रेन को सिग्नल देकर रेलवे प्लेटफॉर्म में लगाए.
बहरहाल बुकिंग क्लर्क टिकट काटना छोड़ किसी तरह से आपा-धापी में जाकर रेलवे को सिग्नल दिखा कर प्लेटफॉर्म पर खड़ा कराया. फिर सबका टिकट काटने के बाद यात्रियों को ट्रेन की सुचना दिलवाई. बता दें जब इस बात कि जानकारी लेने रेलवे स्टेशन पर मीडिया पहुंची तो हमेशा की तरह स्टेशन मास्टर आज भी लापता थे. जिससे साफ़ जाहिर हुआ कि सच में एक बुकिंग क्लर्क के सहारे पूरी स्टेशन की व्यवस्था चल रही है. लेकिन सोंचने वाली बात है कि एक बुकिंग क्लर्क को भला कैसे पता कि परिचालन सिस्टम कैसे कार्य करता या नियंत्रण होता है. सूत्रों की माने तो स्टेशन मास्टर हमेशा ही गायब रहते हैं या काम छोड़ इधर उधर भ्रमण करते रहते हैं.
बताते चलें टिकट बुकिंग क्लर्क द्वारा समय पर अपना कार्य नहीं करने पर यात्रियों को बहुत परेशानी हो रही है, कभी बुकिंग क्लर्क द्रारा यात्रियों के साथ बदतमीजी तो कभी मामला मारपीट तक पहुँच जाता है. बताते चले कि अभी पिछले सप्ताह में ही डीआरएम द्रारा जांच की गई थी, तब भी ये सारी बातें सामने आई थी और आगाह भी किया गया था, लेकिन फिर हालत ज्यों के त्यों बने हुए हैं. जब इस संबंध में बुकिंग क्लर्क राजकुमार गुप्ता से पूछा गया कि स्टेशन मास्टर महोदय कहाँ हैं तो कोई ठोस जवाब नहीं देकर बचते नजर आए. वही स्टेशन मास्टर शिव जी प्रसाद कभी कभार ही स्टेशन में मिलते हैं.
प्रश्न उठाना लाजमी है कि यदि कोई बड़ी घटना हो जाये तो इसकी जबाबदेहि किसकी है ? रेलवे प्रशासन अब किसकी मौत का इंतजार कर रही है ? क्या अनुपस्थित रहने वाले प्रबंधक पर कर्रवाई करेगा रेलवे ? ये सब सवाल इस लिए उठ रहे हैं कि आज बिक्रमगंज भी रेलवे के लापरवाही और अधिकारियों की उदासीनता के कारण अखबारी सुर्खियों में रहता.
रोहतास से विकाश चन्दन की रिपोर्ट
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